नवराष्ट्र मीडिया ब्यूरो
पटना । प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने आज कहा कि
वंचित और उपेक्षित वर्गों के कल्याणार्थ जातिगत जनगणना करवाने के लिए राष्ट्रीय जनता दल ने दशकों तक सड़क से सदन तक कठिन संघर्ष किया है। जब बिहार में महागठबंधन सरकार बनी तब मात्र 𝟏𝟕 महीनों में ही हमने स्वतंत्र भारत में पहली बार किसी राज्य में जाति आधारित गणना करवा इसके आँकड़े प्रकाशित कराए।
👉 जातिगत जनगणना के जो आंकड़े आए उसके आधार पर बिहार में नवंबर 𝟐𝟎𝟐𝟑 में सभी वर्गों के लिए आरक्षण की सीमा बढ़ाकर 𝟕𝟓% कर दिया गया।
👉 दिसंबर 𝟐𝟎𝟐𝟑 में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद् की बैठक में मा॰ केंद्रीय गृहमंत्री के समक्ष भी इसे संविधान की 𝟗वीं अनुसूची में डालने का आग्रह किया लेकिन आरक्षण विरोधी बीजेपी और 𝐍𝐃𝐀 सरकार ने इससे इंकार कर दिया।
👉 डबल इंजन सरकार बनने के 𝟖 महीने बाद भी इस दिशा में कोई प्रयास नहीं हुआ है। नई आरक्षण सीमा के अंतर्गत प्रदेश की लाखों नियुक्तियों में नौकरी पाने से पिछड़े/अतिपिछड़े और अनुसूचित जाति/जनजाति के लोग वंचित रह जाएंगे।
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद भी हमने कहा था कि अगर बीजेपी/जदयू पिछड़ा और वंचित वर्ग हितैषी है तो बिहार की आरक्षण सीमा को 𝟗वीं अनुसूची में डाले। देश में जातिगत गणना कराए और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दें। लेकिन तीनों में से कोई कार्य नहीं हुआ। जदयू की कहीं कोई नहीं सुन रहा ये सब बस सत्ता के मजे ले रहे है।