विजय शंकर
पटना : राष्ट्रीय जनता दल के राज्य कार्यालय में आज भारत की प्रथम महिला शिक्षिका एवं समाज सुधारिका सावित्री बाई फुले की 191वीं जयन्ती पार्टी के प्रदेष उपाध्यक्ष सह पूर्व मंत्री श्री वृषिण पटेल की अध्यक्षता में मनायी गयी। इस अवसर पर सावित्री बाई फुले के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
इस अवसर पर वृषिण पटेल ने कहा कि सावित्री बाई फुले भारत की प्रथम महिला षिक्षिका, समाज सुधारिका तथा मराठी कवयित्री थी एवं भारत के पहले बालिका विद्यालय की पहली प्रिंसिपल और पहले किसान स्कूल की संस्थापक थीं। वे अपने पति ज्योतिराव फुले के साथ मिलकर स्त्री अधिकारों एवं शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया। वे 1852 ई0 में बालिकाओं के लिए एक पहला विद्यालय की स्थापना की। वे जब स्कूल पढ़ाने जाती थी तो विरोधी इन्हें पत्थर मारते थे तथा उपर गंदगी फेकते थे। वे एक साड़ी अपने थैले में लेकर विद्यालय जाती थी तथा वहां साड़ी बदलकर बच्चों को पढ़ाती थी। वे किसी की परवाह किये बिना अपने पथ पर चलती रही। एक महिला प्रिंसिपल के लिये सन् 1848 में बालिका विद्यालय चलाना कितना मुश्किल रहा होगा, इसकी कल्पना शायद आज भी नहीं की जा सकती। लड़कियों की शिक्षा पर उस समय सामाजिक पाबंदी थी। सावित्रीबाई फुले उस दौर में न सिर्फ खुद पढ़ीं, बल्कि दूसरी लड़कियों के पढ़ने का भी बंदोबस्त किया, वह भी पुणे जैसे शहर में। आज औरतों को उन्हें आदर्श मानना चाहिए। सावित्रीबाई ने अपने जीवन को एक मिशन की तरह से जीया जिसका उद्देश्य था विधवा विवाह करवाना, छुआछूत मिटाना, महिलाओं की मुक्ति और दलित महिलाओं को शिक्षित बनाना। 10 मार्च 1897 को प्लेग के कारण सावित्रीबाई फुले का निधन हो गया। वे पे्ररणा के स्त्रोत हैं।
इस अवसर पर सावित्री बाई फुले के चित्र पर माल्यार्पण करने वालों में प्रदेष महासचिव मदन शर्मा, भाई अरूण कुमार, निर्भय अम्बेदकर, अनवर हुसैन, एवं सजन कुमार मिश्रा सहित दर्जनों कार्यकत्र्ताओं ने सावित्री बाई फुले के चित्र पर माल्र्यापण कर श्रद्धांजलि अर्पित की ।