भाजपा से 9 और जदयू से 8 नेताओं ने ली शपथ, राज्यपाल फगु चौहान ने नेताओं को दिलाई शपथ
विजय शंकर
पटना । एक लंबे इंतजार के बाद आज बिहार की नीतीश कैबिनेट का विस्तार हो गया है । भारतीय जनता पार्टी के शाहनवाज हुसैन समेत दोनों पार्टियों के कुल 17 नेता आज मंत्री पद की शपथ ले ली । मंत्रियों में कुल नौ मंत्री बीजेपी के हैं जबकि आठ जदयू के खाते से हैं । 84 दिनों के लंबे इंतजार के बाद आज नीतीश कैबिनेट का विस्तार हुआ । राजभवन के मंडपम में शपथ ग्रहण कार्यक्रम का आयोजन किया गया । राष्ट्रगान के साथ शुरू हुए शपथ ग्रहण समारोह में BJP के 9 मंत्रियों और JDU की तरफ से 8 मंत्रियों ने शपथ ग्रहण की। सबसे पहले भाजपा के शाहनवाज हुसैन ने उर्दू में शपथ ली । जदयू से संजय कुमार झा को भी मंत्री पद दिया गया है और उन्होंने मैथिली में अपना शपथ ग्रहण किया । राज्यपाल फगु चौहान ने सभी नेताओं को समारोह में शपथ दिलाई ।

भाजपा और जदयू दोनों दलों ने अपने अपने मंत्रिमंडल विस्तार में न सिर्फ जातीय समीकरण को ध्यान में रखा बल्कि क्षेत्रीय समीकरण को भी ध्यान में रखा । साथ ही यह भी कोशिश की कि जदयू और भाजपा दोनों दलों के बीच में ऐसा सामंजस्य बने जिससे दोनों दलों को किसी प्रकार का भविष्य में वोटों का नुकसान ना हो । नीतीश मंत्रिमंडल के दूसरे विस्तार में भाजपा कोटे से 9 मंत्री और जदयू कोटे से 8 विधायकों-नेताओं को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई । इस बार के मंत्रिमंडल में दो अल्पसंख्यक चेहरे को भी शामिल किया गया है जिसमें एक भाजपा कोटे से तीन बार सांसद रहे शाहनवाज हुसैन शामिल हुए हैं जिन्होंने उर्दू में अपनी शपथ ली, वही हाल ही में बसपा से जदयू में आए विधायक जमा खान , जो कैमूर के चैनपुर से विधायक बने हैं, उन्हें जदयू ने राज्य मंत्री बनाया है । ऐसा समझा जाता है कि इस मुस्लिम चेहरे को जदयू इस कार्य में लगाएगी और यह जिम्मेदारी सौंपेगी की आखिर जदयू को मुस्लिम समुदाय ने वोट क्यों नहीं दिया, क्या परेशानी है इस अल्पसंख्यक समुदाय को ।
पिछले लंबे समय से उपेक्षित रहा कायस्थ समाज से आने वाले बाकीपुर से विधायक बने नितिन नवीन भाजपा ने मंत्री बनाया है । राज्य के चर्चित भाजपा विधायक नवीन सिन्हा के पुत्र हैं को पहली बार मंत्री बनाया गया है । युवा चेहरा के साथ-साथ बिहार में नीतीश मंत्रिमंडल में भाजपा ने शामिल किया है ।
इसके अतिरिक्त जदयू कोटे से निर्दलीय विधायक के रुप में जीत कर आए चकाई से विधायक और पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के पुत्र सुमित सिंह को मंत्री बनाया गया है । सुमित सिंह का न सिर्फ युवा चेहरा है बल्कि राजपूत जाति से इन्हें प्रमुख चेहरा माना जाता है । इसके अतिरिक्त मंत्रिमंडल विस्तार में पूर्व आईपीएस अधिकारी रहे सुनील कुमार को भी नीतीश कुमार ने जदयू से मंत्री बनाया है । कभी लालू के काफी करीबी प्रशासनिक पदाधिकारी माने जाते थे और पटना के एसएसपी रह चुके हैं । इन्हें गोपालगंज से भोरे विधानसभा सीट से जदयू ने उम्मीदवार बनाया था और 500 वोट से जीत कर सदन में आए हैं । इनको भी मंत्री बनाया गया है । ऐसा माना जाता है कि इन्हें शिक्षा मंत्री के पद पर रखा जाएगा जो फिलहाल अशोक चौधरी के पास है । दिल्ली से उन्होंने पढ़ाई की है और ईमानदार छवि पुलिस अधिकारियों में इनका माना जाता है । पिछड़े वर्ग से हैं । लालू यादव जब पशुपालन घोटाला में पहली बार जेल गए थे तब सुनील कुमार ही पटना के एसएसपी थे और इन्होंने ही कड़ी मशक्कत के बाद पटना सिविल कोर्ट से गाड़ियों के जरिए बड़े काफिले के जरिए लालू यादव को जेल तक पहुंचाया था । कड़ी धूप में पसीने से तरबतर सुनील कुमार आखिरकार पहली बार लालू यादव को जेल तक पहुंचाने में सफल रहे थे । हालांकि इनके साथ तत्कालीन जिलाधिकारी रही राजबाला वर्मा भी पिछड़ा समाज से काफी लोकप्रिय पदाधिकारी रही हैं और उन्होंने भी लालू की पहली जेल यात्रा में अपनी भूमिका निभाई थी ।
नौतन से भाजपा के विधायक नारायण प्रसाद को 62 साल की उम्र में बिहार मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है । शांत स्वभाव के नारायण प्रसाद जनता के बीच काफी लोकप्रिय रहते हैं । 2015 में भी उन्होंने चुनाव जीता था और क्षेत्रीय और जातीय समीकरण में इनकी बड़ी भूमिका रहती है । बांका जिले के अमरपुर से विधानसभा चुनाव जीत कर आए 33 साल के युवा चेहरा जयंत राज को नीतीश मंत्रिमंडल में जदयू कोटे से शामिल किया गया है । इनके पिता अमरनाथ मांझी जो लंबे समय तक बड़े नेता के रूप में रहे हैं और इन्होंने कांग्रेस के जितेंद्र सिंह को हराकर विधानसभा तक पहुंचने की जहमत उठाई है ।
भाजपा के सहरसा से विधायक 45 वर्षीय आलोक रंजन झा को भाजपा ने मंत्री बनाया है । ब्राह्मण समुदाय के साथ-साथ इनकी क्षेत्र में अच्छी पहचान है और आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद को हराकर उन्होंने जीत हासिल की है । पहली बार मंत्रिमंडल में इनको स्थान मिल पाया है ।
भाजपा की ओर से दलितों के लिए एक चेहरा बने जनक राम, जो अभी किसी सदन के सदस्य नहीं हैं , उन्हें भी भाजपा ने मंत्री बनाया है । संभवत राज्यपाल कोटे से होने वाले मनोनयन में इन्हें विधान पार्षद बनाया जाएगा । बसपा से अपनी राजनीति शुरू करने वाले जनक राम फिलहाल भाजपा के दलित प्रकोष्ठ के महत्वपूर्ण पद पर बने हैं और दलितों के बीच काफी लोकप्रिय हैं । भाजपा ने पिछले चुनाव में इन्हें एक स्मार्ट प्रचारक के रूप में प्रचार कराया था ।
वही भाजपा से मंत्री बनने वाले सम्राट चौधरी फिलहाल भाजपा के विधान पार्षद हैं और लंबे समय तक इन्होंने राजनीति की है । शकुनी चौधरी जैसे दिग्गज चेहरे के पुत्र हैं और राजनीति में इनकी अच्छी छवि है । जदयू से संजय कुमार झा को भी मंत्री पद दिया गया है । उन्होंने मैथिली में अपना शपथ ग्रहण किया है ।
छातापुर से विधायक नीरज कुमार बबलू को भाजपा ने मंत्री बनाया है जबकि जदयू ने आलोक रंजन झा को मंत्री बनाया है । जदयू से लेसी सिंह भी इस बार मंत्री पद की शपथ ली है । नौतन से भाजपा के विधायक नारायण प्रसाद को 62 साल की उम्र में मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है । सांत स्वभाव के नारायण प्रसाद जनता के बीच काफी लोकप्रिय रहते हैं ।
तीसरी बार मंत्री पद की शपथ लेने वाले मुंगेर से विधायक सम्राट चौधरी को विरासत में राजनीति मिली और राजनीति में आने के बाद उन्होंने लगातार जनता के बीच अपनी लोकप्रियता हासिल की । 1990 में सक्रिय राजनीति के रूप में आने वाले आने के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा ।

सबसे पहले BJP कोटे से शाहनबाज हुसैन ने ऊर्दू में मंत्री पद की शपथ ली। हाल ही उन्हें BJP की तरफ से विधान परिषद भेजा गया । सीमांचल और कोसी क्षेत्र में शाहनबाज हुसैन की अच्छी पकड़ है। शाहनबाज हुसैन के बाद दूसरे नंबर पर नालंदा से JDU विधायक श्रवण कुमार ने मंत्री पद की शपथ ली। पिछली सरकार में वे बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री रह चुके है। सातवीं बार उन्होंने विधानसभा चुनावी जीता है। श्रवण कुमार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाते है ।
तीसरे नंबर पर दरभंगा के बहादुरगंज के विधायक मदन सहनी ने मंत्री पद की शपथ ली। 53 वर्षीय मदन सहनी बिहार के खाद्य आपूर्ति मंत्री भी रह चुके हैं। मदन सहनी के बाद मोतिहारी से बीजेपी विधायक 58 वर्षीय प्रमोद कुमार ने मंत्री पद की शपथ ली। प्रमोद कुमार 2005 से लगातार विधायक हैं। वे बिहार में पर्यटन और कला संस्कृति मंत्री भी रह चुके है।
पांचवें नंबर पर जदयू के राष्ट्रीय महासचिव संजय कुमार झा ने मैथिली में मंत्री पद की शपथ ली। संजय झा पिछली सरकार में जल संसाधन मंत्री रह चुके है। संजय झा सीएम नीतीश के काफी करीबी माने जाते हैं और सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते है। संजय झा के बाद धमदाहा की जेडीयू विधायक लेसी सिंह ने मंत्रीपद की शपथ ली। 2000 में पहली बार विधायक चुनकर आई लेसी सिंह पांच बार विधानसभा चुनाव जीत चुकी है।
सातवें नंबर पर बीजेपी के एमएलसी सम्राट चौधरी ने मंत्रीपद की शपथ ग्रहण की। सम्राट चौधरी बीजेपी के उपाध्यक्ष रह चुके हैं । शकुनी चौधरी के बेटे सम्राट चौधरी 1999 में बिहार के कृषि मंत्री भी रह चुके हैं। सम्राट चौधरी के बाद नीरज कुमार बबलू ने मंत्री पद की शपथ ली। दिवंगत सुशांत सिंह के रिश्तेदार नीरज कुमार बबलू छातापुर के बीजेपी विधायक हैं। दो बार बीजेपी से और तीन बार जदयू से भी चुनाव जीत चुके हैं ।
नौवे नंबर पर गोपालगंज से बीजेपी विधायक सुबाष सिंह ने मंत्री पद की शपथ ली। सुबाष सिंह को पहली बार कैबिनेट मंत्री का जिम्मा सौंपा गया है। पांच बार चुनाव जीत चुके सुबाष सिंह सीएम नीतीश के बेहद करीबी माने जाते हैं। अपने क्षेत्र में सुबाष सिंह की पकड़ काफी मजबूत है और यही वजह है कि लगातार उन्होंने जीत हासिल की। सुबाष सिंह के बाद बांकीपुर से बीजेपी विधायक नितिन नवीन ने मंत्रीपद की शपथ ली। नितिन नवीन बांकीपुर विधानसभा से लगातार जीत हासिल करते आ रहे हैं। अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव सिन्हा को हराकर वे एक बार फिर से बांकीपुर के विधायक बनें।
नितिन नवीन के बाद चकाई के निर्दलीय विधायक सुमीत सिंह ने मंत्रीपद की शपथ ग्रहण की। पूर्व मंत्री नरेन्द्र सिंह के बेटे सुमीत सिंह ने जदयू को समर्थन दिया। जेएमएम से वे 2010 में चुनाव जीते थे। गोपालगंज के भोरे से जदयू विधायक सुनील कुमार ने भी आज मंत्रीपद की शपथ ली। उनके बड़े भाई अनिल कुमार भी विधायक रह चुके हैं। सुनील कुमार आईपीएस अधिकारी भी रह चुके हैं। सुनील कुमार के बाद बेतिया के नौतन से बीजेपी विधायक नारायण प्रसाद ने मंत्रीपद की शपथ ली। 62 वर्षीय नारायण प्रसाद मैट्रिक पास हैं। नारायण प्रसाद अपने क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहते हैं। 2015 के चुनाव में उन्हें जीत मिली थी।
मंत्रिमंडल में सबसे युवा चेहरा जयंत राज जिन्होंने आज मंत्री पद की शपथ ली। साफ सुथरे छवि के युवा नेता जयंत राज कुशवाहा समाज से आते हैं। 33 वर्षीय जयंत राज अमरपुर के जेडीयू विधायक हैं। जिसके बाद सहरसा से बीजेपी विधायक आलोक रंजन झा ने भी मंत्रीपद की शपथ ली। आलोक रंजन झा पहली बार कैबिनेट में शामिल हुए। 45 वर्षीय आलोक रंजन झा ने लवली आनंद को हराया था। कोसी क्षेत्र में वे अच्छी पकड़ रखते हैं।
कैमूर के चैनपुर से बीएसपी विधायक रहे जमां खान ने भी मंत्रीपद की शपथ ली। बीएसपी विधायक जमां खान के जेडीयू में शामिल होने के बाद जेडीयू से वे एकमात्र मुस्लिम मंत्री बनाएं गए। अंत में दलित समुदाय आने वाले पूर्व सांसद जनक राम ने भी मंत्रीपद की शपथ ली। बीजेपी कोटा से इन्हें मंत्री बनाया गया है। फिलहाल वे किसी सदन के सदस्य नहीं है।

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