बंगाल ब्यूरो
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में 22 अप्रैल को होने वाले छठे चरण के मतदान से पहले चुनाव आयोग ने प्रशासनिक अधिकारियों में बड़ा फेरबदल किया है। नंदीग्राम में चोटिल होने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जिस एसपी पर साजिश रचने का आरोप लगाया था उन्हें बीरभूम का एसपी बना दिया गया है। इस जिले में छठे चरण में चुनाव होने हैं इसलिए तृणमूल कांग्रेस चुनाव आयोग पर पक्षपात का आरोप लगाने लगी है।
चुनाव आयोग ने चार पुलिस अधिकारियों का तबादला कर दिया है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण है कि नंदीग्राम के दायित्व प्राप्त पुलिस अधिकारी नागेंद्रनाथ त्रिपाठी को अब बीरभूम का एसपी का दायित्व दिया गया है।
आयोग के निर्देश के अनुसार छठे चरण में 779 कंपनी केंद्रीय बल की तैनाती की जाएगी। दूसरी ओर, टीएमसी के एमपी डेरेक ओ ब्रायन ने मतदान के 48 घंटे पहले तबादले किए जाने को लेकर चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए पक्षपातपूर्ण आचरण का आरोप लगाया है। चुनाव आयोग द्वारा जारी बयान के अनुसार पूर्व बर्दवान के एसपी भास्कर मुखर्जी की जगह अजीत कुमार सिंह को, आसनसोल-दुर्गापुर के सीपी सुकेश जैन की जगह मुकेश जैन को, बीरभूम के एसपी मिराज खालिद की जगह नागेंद्रनाथ त्रिपाठी को और बीरभूम, बोलपुर के एसडीपीओ अभिषेक राय की जगह जागराज देवाराकोंडा को नियुक्त किया गया है। हटाए गए अधिकारियों को चुनावी ड्यूटी से अलग रखने का निर्देश दिया गया है। सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट किया, “ईसी = अत्यधिक समझौता। चुनाव आयोग चुनाव से 48 घंटे पहले और आदर्श (मोदी) आचार संहिता लागू होने के लगभग 45 दिन बाद चार अधिकारियों को स्थानांतरित कर दिया है। एनएन त्रिपाठी, वही व्यक्ति हैं, जिन्हें नंदीग्राम का प्रभारी बनाया गया था, अब बीरभूम में स्थानांतरित हो गया है। क्या राज्य सरकार से सलाह ली गई थी? बिल्कुल नहीं!”