विजय शंकर
पटना : पूर्व उप मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि राजद में अगर किसी को लगता है कि राहुल गांधी नान सीरियस नेता हैं और चुनाव प्रचार या प्राकृतिक आपदा के समय उनका उपस्थित होना केवल राजनीतिक पर्यटन होता है, तो इन्हें अपने नेता तेजस्वी प्रसाद यादव को भी इन्हीं मानकों पर क्यों नहीं परखना चाहिए?
तेजस्वी यादव भी चमकी बुखार, सीमांचल में बाढ़ और लाकडाउन के समय बिहार से गायब रहे, लेकिन चुनाव के समय सक्रिय हो गये। तेजस्वी भी राहुल गांधी की तरह वंशवादी राजनीति के कारण सीनियर नेताओं को किनारे कर पार्टी पर थोपे गए हैं और विधानसभा सत्र के दौरान लंबी छुट्टी पर जाकर अपना नान सीरियस रवैया जाहिर करते हैं। राजद को समीक्षा बैठक में सहयोगी दलों पर हार का ठीकरा फोडने के बजाय अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।
उन्होंने कहा कि 2019 के संसदीय चुनाव में जब राजद का खाता नहीं खुला था तब कांग्रेस कम से कम एक सीट महागठबन्धन के खाते में लाने में सफल हुई थी। उस समय भी राहुल गांधी ही कांग्रेस के नेता थे, लेकिन तब राजद को कोई शिकायत नहीं थी। दरअसल राजद नोटबंदी, जीएसटी और सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 फीसद आरक्षण देने जैसे एनडीए सरकार के बडे फैसलों का विरोध करने के कारण जनता के चित से उतरता चला गया। अब किसानों की आय बढाने वाले कृषि कानूनों का विरोध कर राजद वही गलती दोहरा रहा है।
