नीतीश राज में गुलजार हुआ, राजद के जंगलराज के अंधकार में डूबा बिहार: राजीव रंजन
नवराष्ट्र मीडिया ब्यूरो
पटना, 27 जून।तेजस्वी यादव को निशाने पर लेते हुए जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने आज कहा है कि लोगों के आपसी विवादों में होने वाली घटनाओं से तेजस्वी जिस तरह अपने समय के माफिया राज की तुलना कर रहे हैं उससे उनके ज्ञान पर तरस आता है. यदि वह एक बार भी ईमानदारी से अपने माता-पिता के राज से बिहार के वर्तमान हालात की तुलना कर लें तो उन्हें अपने कुशासन व आज के सुशासन ले बीच का अंतर पता चल जाएगा. उन्हें पता चल जाएगा कि आज नीतीश राज में गुलजार दिख रहा बिहार, उनके जंगलराज के अंधकार में किस तरह डूबा हुआ था।
उन्होंने कहा कि तेजस्वी जी को पता होना चाहिए कि उनके राज में सरकार समर्थित माफियाओं का आतंक इतना अधिक था कि कोर्ट को आजिज होकर उनके शासनकाल को जंगलराज कहना पड़ा था. तब शाम ढलने के बाद किसी की घर से बाहर निकलने की हिम्मत तक नहीं होती थी, वहीं आज देर रात तक लोग अपने परिवार के साथ मॉल या सिनेमा घर का लुत्फ उठाते दिखायी पड़ते थे. उनके राज में लोग जिस दीघा में लोग रात में जाने से कतराते थे आज वहीं बने मरीन ड्राइव पर आधी रात में भी लोगों का जमावड़ा लगा रहता है।
जदयू प्रवक्ता ने कहा कि झूठ और दुष्प्रचार को राजनीति मान चुके तेजस्वी जी को बयान देने से पहले तथ्यों को जानना चाहिए. उन्हें पता चलेगा कि उनके कुशासन से शांति और अहिंसा की धरती माने जाने वाला बिहार किस तरह पूरे देश में हिंसा के लिए बदनाम हो चुका था. बिहारी शब्द को गाली की तरह प्रयोग किया जाता था. विकास के नाम पर भ्रष्टाचार होता था. पशुओं के चारे से लेकर अलकतरा तक लूट लिया जाता था. किसानों की खड़ी फसलों को आग लगा दिया जाता था. उस समय न जाने कितनी माताओं की
गोदें सुनी हुई, कितनों के सुहाग उजाड़ दिए गये, रंगदारी और अपहरण के उद्योग बन जाने से व्यवसायी वर्ग चैबीसों घंटे भय के साए में जीता था. दिन-दहाड़े हत्या होना मामूली खबर थी, वहीं अखबारों के पन्ने नरसंहारों की खबरों से भरे रहते थे।
उन्होंने कहा कि तेजस्वी जी को पता होना चाहिए कि तब और अब में सबसे बड़ा फर्क यह है कि तब घटना के शिकार लोगों की सुनवाई तक नहीं होती थी और आज कोई भी बेधडक थाने जाकर न केवल अपनी शिकायत दर्ज करवाता है बल्कि दोषियों पर लगातार कारवाई भी होती है. तब लाठी के जोर से सरकार चलती थी और आज न्याय के साथ विकास की बात होती है।