गरीबों को सरकार बना रही निशाना, गरीबों के लिए ड्रैकोनियन कानून है शराबबंदी
बेशर्म सरकार जहरीली षराब से मरने वालों के लिए इलाज तक की नहीं कर रही व्यवस्था
माले विधायक दल ने किया विजयीपुर का दौरा, घटना की उच्चस्तरीय जांच कराए.
मृतक परिजनों को 10 लाख व घायलों को 5 लाख का मुआवजा दे सरकार.
कटरा थाना के दरगाह टोले में 48 घंटे में हुई चार मौतों को छिपाने में लगा है प्रशासन
विजय शंकर
पटना । गोपालगंज के विजयीपुर जहरीली षराब कांड की जांच के उपरांत पटना लौटने के बाद भाकपा-माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने कहा है कि दरअसल राजनेता व प्रषासन के गठजोड़ के संरक्षण में आज पूरे बिहार में धड़ल्ले से अवैध षराब का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है. कहने को तो बिहार में षराबबंदी केवल कागज पर है, उलटे प्रषासन व षराब माफिया ही गरीबों को षराब बनाने के लिए बाध्य करते हैं और फिर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं. यह कोई गोपालगंज की घटना नहीं है, बल्कि मुजफ्फरपुर में भी विगत दिनों ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां 4 लोगों की दर्दनाक मौतें हो गई हैं. जांच दल में उनके साथ फुलवारी विधायक गोपाल रविदास भी घटनास्थल पर गए थे. आज के संवाददाता सम्मेलन से माले विधायक दल के सचेतक अरूण सिंह औराई से महागठबंधन के प्रत्याषी व इंसाफ मंच के राज्य उपाध्यक्ष आफताब आलम षामिल थे.
महबूब आलम ने आगे कहा कि आज षराबबंदी के नाम पर लाखों गरीब बिहार की जेलों में बंद हैं. सरकार बताए कि नषा मुक्ति के लिए उसने जेल के अंदर और बाहर कौन से उपाय किए हैं़़? आज बिहार के किसी भी जिले मे नषा मुक्ति केंद्र काम नहीं कर रहा है. उलटे षराब माफियाओं की चांदी है. षराबमाफियाओं पर कार्रवाई की बजाए सरकार गरीबों को निषाना बनाते रहती है. बड़े ताज्जुब की बात है कि यह सारा घटनाक्रम बिहार के मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार के इलाके में हो रहा है और सरकार सच को झुठला रही है.
गोपालगंज के विजयीपुर में लगातार कई मौतों से इलाके में दहशत का माहौल है, लेकिन जिला प्रशासन हकीकत को छुपाने में लगा हुआ है. वहां के डीएम ने बयान दिया है कि मजदूरों की मौत जहरीली शराब से नहीं बल्कि उनकी स्वभाविक मौत हुई है. यह वक्तव्य सरासर गलत है. हमने ग्रामीणों से बातचीत के आधार पर पाया कि ये मौतें जहरीली षराब के कारण हुई है, लेकिन प्रषासन के दबाव के कारण मृतकों के परिजन यह सार्वजनिक रूप से स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं.
रिपोर्ट के अनुसार मझवलिया में नरसिंह ईंट भट्ठे पर काम करने वाले मजूदरों व कुछ और लोगों ने पास के ही मठिया गांव के पास जाकर शराब पी थी. मंगू उरांव (45 वर्ष), बुधवा पन्ना और कर्मा पन्ना की मौत इलाज के दौरान हो गई. इन मृतक मजदूरों के परिवारों ने भी स्वीकार किया है कि ये मौतें जहरीली शराब के कारण हुई है. ये सारे मजदूर झारखंड के जिला गुमला के हैं. जिला प्रशासन ने इन सभी लोगों के शवों का पोस्टमार्टम कराकर घर भेज दिया और जहरीली शराब की बात से इंकार किया.
वहीं, रामअवध यादव और काशी यादव, दोनों बाप-बेटे की भी इसी दौरान मौत हुई. उनका बिना पोस्टमार्टम कराए ही अंतिम संस्कार कर दिया गया. स्थानीय प्रशासन ने अपनी जांच में इन मौतों को स्वभाविक मौत करार देकर अपना पल्ला झाड़ लिया है. जो पूरी तरह संदेहास्पद है. इनके परिवार में एक व्यक्ति चैकीदार है, इनको पुलिस प्रशासन समझा दिया कि शराब की बात उठाइयेगा तो चैकीदार वाली नौकरी चली जायेगी. इसलिए लोग आधिकारिक तौर पर वक्तव्य नहीं दे रहे. अभी तक तिलकधारी यादव, रामधनी गोड़ गम्भीर रूप से बीमार हैं और इनका इलाज गोपालगंज अस्पताल में चल रहा है. प्रशासान इसको लीपा-पोती करने में लगा हुआ है.
हमारी मांग है कि सरकार सभी मृतक मजदूरों को 10 लाख और घायलों के समुचित इलाज के लिए 5 लाख रु. मुआवजा दे. सभी घायलों का समुचित इलाज होना चाहिए और उन्हें तत्काल पीएमसीएच पटना रेफर किया जाना चाहिए.
मुजफ्फरपुर (कटरा) की घटना: औराई विधानसभा से महागठबंधन समर्थित भाकपा-माले के पूर्व प्रत्याशी आफताब आलम ने कटरा थाना दरगाह टोला पहुंचें, जहां विगत 48 घंटों में 4 लोगों की मौत जहरीली शराब से हुई है. जांच रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि ये घटना थाने से महज 1 किलोमीटर की दूरी पर घाटी है। मरने वालों में
1. अजय मांझी 25 साल 2. राम चन्द्र मांझी 60 3.मंजू देवी 50साल 4.विनोद माझी 30 साल हंै.
मृतक अजय मांझी के पास 8 बच्चा है. जांच रिपोर्ट में कहा कि कटरा प्रखंड में दारू का कारोबार बड़े पैमाने पर चल रहा है. अगर प्रशासन गंभीर रहती तो घटना नहीं होती, भाकपा माले लागातार आवाज उठाती रही है. आफताब आलम ने कहा कि 2 साल पहले भी अशोक राम की मौत शराब की वजह से हुई थी. इन्होंने मांग करते हुए कहा कि जब तक कटरा थाना प्रभारी व एसएसपी को हटाया नहीं जाएगा तब तक ये घटनायें घटती रहेगी. कहा कि राज्य सरकार के भूमि एवं राजस्व विभाग मंत्री राम सूरत राय इस इलाके के विधायक हैं. लेकिन अब तक वे घटनास्थल पर भी नहीं पहुंचे हैं.