मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा कई मंत्रियों नेताओं और कलाकारों ने भी दी भावभीनी श्रद्धांजलि
नवराष्ट्र मीडिया ब्यूरो
पटना। भारत की स्वर कोकिला , भारत रत्न से सम्मानित लता मंगेशकर के निधन की खबर मिलते ही आज सुबह से ही पूरा बिहार और झारखंड शोक में डूब गया । आम लोगों के अलावा सभी संगीत प्रेमियों में शोक की लहर है। उनके निधन से उनके सभी प्रशंसकों के मायूस चेहरे उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। भारत सरकार ने भी उनके निधन पर राष्ट्रीय शोक की घोषणा कर दी है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनके निधन पर गहरा शोक एवं दुख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि स्व० लता मंगेशकर प्रख्यात पार्श्व गायिका थीं। उन्हें भारत रत्न, पद्म विभूषण, दादा साहब फाल्के पुरस्कार, फिल्मफेयर लाइफटाइम एचिवमेंट पुरस्कार सहित कई अन्य खिताबों से सम्मानित किया गया था। वे भारतीय संसद के उच्च सदन राज्यसभा की सदस्य रह चुकी थीं। आने वाली पीढ़ियां उन्हें भारतीय संस्कृति के एक दिग्गज के रूप में याद रखेंगी, जिनकी सुरीली आवाज में लोगों को मंत्रमुग्ध करने की अद्वितीय क्षमता थी । उनका निधन देश के लिये अपूरणीय क्षति है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी व सरकार के विभिन्न मंत्रियों और कलाकारों संगीत प्रेमियों ने भी उनके निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है।
मालूम हो कि लता मंगेशकर जी का इलाज मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में चल रहा था। लताजी के निधन पर 2 दिन का राष्ट्रीय शोक रहेगा। देशभर में झंडा आधा झुका रहेगा। सुबह 8.12 बजे लता जी ने अंतिम सांस ली ।
ब्रीच कैंडी में डॉ. प्रतीत समधानी की देखरेख में ही डॉक्टर्स की टीम लता जी का इलाज कर रही थी। इलाज के दौरान उनकी हेल्थ में सुधार भी देखा जा रहा था। उन्हें लगातार ऑब्जर्वेशन में रखा गया। करीब 5 दिन पहले उनकी सेहत में सुधार होना भी शुरू हो गया था। ऑक्सीजन निकाल दी गई थी, लेकिन ICU में ही रखा गया, लेकिन रविवार को सुबह 8.12 बजे उनका निधन हो गया। डॉ. प्रतीत ने बताया कि मल्टी ऑर्गन फेल्योर उनकी मौत की वजह रही। लता जी लगभग दो साल से घर से नहीं निकली थीं। वे कभी-कभी सोशल मीडिया के जरिए अपने फैंस के लिए संदेश देती थीं। बढ़ती उम्र और गिरती सेहत के कारण वे ज्यादातर समय अपने कमरे में ही गुजारती थीं।
संगीत की दुनिया के 8 सुरमयी दशक
92 साल की लता जी ने 36 भाषाओं में 50 हजार गाने गाए, जो किसी भी गायक के लिए एक रिकॉर्ड है। करीब 1000 से ज्यादा फिल्मों में उन्होंने अपनी आवाज दी। 1960 से 2000 तक एक दौर था, जब लता मंगेशकर की आवाज के बिना फिल्में अधूरी मानी जाती थीं। उनकी आवाज गानों के हिट होने की गारंटी हुआ करती थी। सन 2000 के बाद से उन्होंने फिल्मों में गाना कम कर दिया और कुछ चुनिंदा फिल्मों में ही गाने गाए। उनका आखिरी गाना 2015 में आई फिल्म डुन्नो वाय में था।
करीब 80 साल से संगीत की दुनिया में सक्रिय लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था। 13 साल की छोटी उम्र में 1942 से उन्होंने गाना शुरू कर दिया था। लता जी के पिता पं. दीनानाथ मंगेशकर संगीत की दुनिया और मराठी रंगमंच के जाने पहचाने नाम थे। उन्होंने ही लता जी को संगीत की शिक्षा दी थी। 5 भाई-बहनों में सबसे बड़ी लता जी की तीन बहनें आशा भोसले, उषा मंगेशकर, मीना मंगेशकर और भाई हृदयनाथ मंगेशकर हैं।
2001 में मिला था भारत रत्न
लता मंगेशकर को 2001 में संगीत की दुनिया में उनके योगदान के लिए भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था। इससे पहले भी उन्हें कई सम्मान दिए गए, जिसमें पद्म विभूषण, पद्म भूषण और दादा साहेब फाल्के सम्मान भी शामिल हैं। कम ही लोग जानते हैं कि लता जी गायिका के साथ संगीतकार भी थीं और उनका अपना फिल्म प्रोडक्शन भी था, जिसके बैनर तले बनी फिल्म “लेकिन” थी, इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट गायिका का नेशनल अवॉर्ड भी मिला था, 61 साल की उम्र में गाने के लिए नेशनल अवॉर्ड जीतने वाली वे एकमात्र गायिका रहीं। इसके अलावा भी फिल्म “लेकिन” को 5 और नेशनल अवॉर्ड मिले थे।