रांची ब्यूरो
हजारीबाग/रांची । हजारीबाग से चोरी हुई भगवान बुद्ध की दो मूर्तियों को हजारीबाग पुलिस ने मात्र 75 घंटे में ही बरामद कर लिया । साथ ही इस मामले में पांच संलिप्त लोगों को गिरफ्तार भी किया है । प्राचीन मूर्तियों की कीमत करोड़ों में बताई जा रही है । मूर्ति आरोपित यतीश कुमार के रांची बूटी मोड़ के सुशीला निकेतन से बरामद किया गया।
पुलिस अधीक्षक कार्तिक एस ने अपने कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस कर इसकी जानकारी दी । पत्रकार वार्ता के दौरान उपायुक्त आदित्य कुमार आनंद भी उपस्थित थे । पुलिस अधीक्षक कार्तिक एस ने बताया कि इस मामले में अब तक 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है । मूर्ति चोरों का तार रांची से लेकर बिहार के बांका तक जुड़ा हुआ है। एसपी ने बताया कि बहोरनपुर में मिल रही प्राचीन मूर्तियों की जानकारी पाकर रांची के संजय अग्रवाल, कुमार सुजीत सिंह, प्रेम शंकर सिंह उर्फ बंटू सिंह एवं बांका के नरेश राय और संजय सिंह उर्फ फुचुन ने प्राचीन मूर्तियों की चोरी करने की योजना बनाई। पिछले 3 मार्च को ही उपरोक्त सभी हजारीबाग में ईकट्ठा हुए और बहोरनपुर जाकर उत्खनन स्थल पर मूर्तियों का अवलोकन किया। वहीं सभी ने किस मूर्ति की चोरी करनी है, इसकी योजना बनाई। 20 एवं 21 मार्च की रात योजना के अनुसार कुमार सुजीत सिंह, प्रेम शंकर सिंह उर्फ बंटू सिंह, नरेश राय एवं संजय सिंह उर्फ फुचुन हजारीबाग आए और बड़े करीने से देर रात्रि पेचकस की सहायता से मूर्तियों को निकाल कर चोरी की घटना को अंजाम दिया। यह भी बताया गया कि घटनास्थल से मूर्ति मोटरसाइकिल द्वारा हजारीबाग बस स्टैंड तक लाया गया और फिर वहां से रांची ले जाकर संजय अग्रवाल को प्राचीन बहुमूल्य मूर्ति सौपी गई। योजना बनाई गई कि मामला शांत होने के बाद संजय अग्रवाल भगवान बुद्ध की मूर्ति बेचेंगे और प्राप्त रुपए को बांटने का काम किया जाएगा। पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा करते हुए संजय अग्रवाल एवं कुमार सुजीत सिंह के स्वीकारोक्ति बयान के आधार पर प्रेम शंकर सिंह उर्फ बंटू एवं नरेश राय को बांका जिला के बाराहाट थाना क्षेत्र के ग्राम खिडडी से एवं धोरैया थाना क्षेत्र के ग्राम टीटीमागर से गिरफ्तार किया। मूर्ति यतीश कुमार के रांची बूटी मोड़ के सुशीला निकेतन से बरामद किया गया।
एसपी कार्तिक एस ने बताया कि हजारीबाग़ जिले के सदर प्रखंड अंतर्गत बहोरनपुर में पुरातत्व विभाग की खुदाई चल रही है । 20 मार्च की रात चोरों ने दो मूर्तियों पर हाथ साफ किया था । अंतरराष्ट्रीय बाजार में दोनों मूर्तियों की कीमत करोड़ों में आंकी जा रही है । चोरी की सूचना से पुलिस व प्रशासन में हड़कंप मच गया । दोनों मूर्तियों के दसवीं शताब्दी के होने का दावा किया जा रहा है ।