बिहार बार काउंसिल भवन में डॉ सच्चिदानंद सिन्हा की अपेक्षा पर परिचर्चा का आयोजन
भोजपुर में स्थापित होने वाले मेडिकल कॉलेज का नाम सच्चिदानंद सिन्हा के नाम पर रखने की मांग

विजय शंकर
पटना । आज बिहार अपना स्थापना दिवस मना रहा है । बिहार दिवस पर बिहार के निर्माता डॉ सच्चिदानंद सिन्हा के नाम कहीं भी उल्लेख नहीं किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है, जबकि बिहार के निर्माण में इनकी भूमिका ही सर्वोपरि थी । बिहार बार काउंसिल भवन में बिहार दिवस पर डॉ सच्चिदानंद सिन्हा की अपेक्षा पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया । परिचर्चा से पहले उनके चित्र पर माल्यार्पण किया गया । समारोह की अध्यक्षता राष्ट्रीय कायस्थ महासभा के अध्यक्ष अशोक कुमार ने की । परिचर्चा में वंदेमातरम फाउडेशन और चित्रगुप्त परिवार के संदेश के संपादक सुनील कुमार सिन्हा, वरिष्ठ पत्रकार विजय शंकर, प्रधान महासचिव अमिताभ कृष्ण , कोषाध्यक्ष नितेश कुमार सिन्हा, लोजपा के युवा नेता मनीष आनंद, अपने-अपने विचार व्यक्त किए।

भोजपुर के मेडिकल कॉलेज का नाम सच्चिदानंद सिन्हा के नाम पर रखने को एकजुट हों कायस्थ समाज

जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व मंत्री रणजीत सिन्हा ने एक बयान में कहा कि आज बिहार अपना स्थापना दिवस मना रहा है, यह गर्व की बात है । लेकिन इसी 6 मार्च को बिहार के जनक सच्चिदानंद सिन्हा की पुण्यतिथि थी , पर वह तिथि खामोशी से गुजर गई । जानते हैं क्यों? क्योंकि राजनीति के वर्तमान दौर में सब कुछ नफा-नुकसान के तराजू पर तौल कर किया जाता है । यदि सच्चिदानंद सिन्हा कायस्थ की जगह किसी और जाति से होते तो उनकी हैसियत गांधी और अंबेडकर से कम नहीं होती । गलती हमारी है । हमें अपनी गलती सुधारनी होगी । बिहार के भोजपुर में स्थापित होने वाला मेडिकल कॉलेज का नाम सच्चिदानंद सिन्हा के नाम पर रखने की मांग की और सभी से इसके लिए सहयोग व समर्थन की भी मांग की । उन्होंने कायस्थ समाज के लोगों का आह्वान किया कि इस मांग को लेकर आंदोलन बनाएं और सत्ता के गलियारों तक इस आंदोलन की गूंज पहुंचायें ।

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