विजय शंकर
पटना । आज केंद्रीय मंत्री सह पटना साहिब सांसद रविशंकर प्रसाद ने पटना स्थित आवास पर गायत्री तीर्थ, शांतिकुंज हरिद्वार के स्वर्ण जयंती वर्ष पर डाक टिकट का विमोचन किया |
गायत्री परिवार जीवन जीने की कला के संस्कृति के आदर्श सिद्धांतों के आधार पर परिवार, समाज, राष्ट्र युग निर्माण करने वाले व्यक्तियों का संघ है I शांति कुंज, हरिद्वार मे गंगा तट पर स्थित एक स्थान है जहां अखिल भारतीय गायत्री परिवार का मुख्यालय है I शांतिकुंज के संस्थापक पंडित श्री राम शर्मा आचार्य जी हैं I युगतीर्थ कहे जाने वाला यह आश्रम व्यक्ति-निर्माण, परिवार-निर्माण एवं समाज-निर्माण के अनेक प्रभावशाली गतिविधियों को नियमित रूप से चलाती है I
युगांतकारी परिवर्तन की गायत्री परिवार कि मुहिम को सम्मानित करने हेतु डाक विभाग द्वारा गायत्री परिवार के सहयोग से गायत्री तीर्थ, शांतिकुंज हरिद्वार के स्वर्ण जयंती वर्ष (1971-2021) के उपलक्ष्य मे स्मारक टिकट का विमोचन आज दिनांक 20.06.2021 को गायत्री तीर्थ, शांतिकुंज, हरिद्वार मे उत्तराखंड के माननीय मुख्य मंत्री श्री तीरथ सिंह रावत के द्वारा कि गई। साथ ही, स्मारक टिकट का भर्चुअल विमोचन श्री रवि शंकर प्रसाद, माननीय केंद्रीय संचार व सूचना प्रोध्योगिकी, विधि एवं न्याय मंत्री, भारत सरकार के द्वारा पटना से किया गया I
21वीं शताब्दी मे विज्ञान एवं अध्यात्म का संयोजन हो रहा है और वज्ञानिक अध्यात्म भविष्य का आधार बनता जा रहा है एवं आधुनिक विश्व मे सनातन धर्म कि मानव जीवन की गुणवत्ता को सुधारने मे भूमिका को मान्यता मिल रही है I गायत्री तीर्थ एक ऐसा केंद्र है जो कि दिव्य आध्यात्मिक सिद्धांतों पर आधारित लोगो को प्रशिक्षण प्रदान करता है एवं लगभग 24 लाख गायत्री मंत्र समर्पित आध्यात्मिक साधक द्वारा प्रति दिन गाये जाते हैं । गायत्री परिवार भविष्य मे आने वाले समाज का एक मॉडल है जो की मानव एकता ओर समानता एवं सनातन धर्म के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित किया जा रहा है जिसका मुख्य लक्ष्य एवं नारा “ हम बदलेंगे युग बदलेगा, हम सुधरेंगे युग सुधरेगा” है
लॉक डाउन कि पाबंदियों के मद्देनजर पटना मे डाक टिकट के भर्चुअल विमोचन का आयोजन श्री रवि शंकर प्रसाद, माननीय केंद्रीय के आवास पर आयोजित किया गया जिसमे भारतीय डाक विभाग के तरफ से श्री अशोक कुमार पोद्दार, अतरिक्त महा निदेशक (Coordination, Philately & MM) तथा श्री अनिल कुमार डाक महा अध्यक्ष, पूर्वी परिक्षेत्र उपस्थित थे I इसके आलवे गायत्री परिवार के कुछ महत्वपूर्ण सदस्य भी उपस्थित थे