उत्तराखंड ब्यूरो 
रुड़की : विश्व आयुर्वेद परिषद रुड़की एवं आयुष एसोसिएशन रुड़की द्वारा संयुक्त रूप से आयुर्वेद प्रवर्तक भगवान धन्वंतरि की जयंती का आयोजन गंगा किनारे स्थित गायत्री मंदिर के सभागार में किया गया। कार्यक्रम में भगवान धन्वंतरि जी के पूजन और हवन यज्ञ विद्वान पंडित दीपक भारद्वाज द्वारा वैदिक रीति से कराया गया और प्रभु से संपूर्ण विश्व में शांति एवं स्वास्थ्य की कामना की गई।

इस अवसर पर विश्व आयुर्वेद परिषद के प्रदेश मंत्री वैद्य टेक वल्लभ ने कहा कि मानवता यही है कि किसी को कोई रोग ना सताए सभी स्वस्थ बने रहें और यही आयुर्वेद का सिद्धांत है। बहुत प्रसन्नता का विषय है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 वर्ष पूर्व भगवान धन्वंतरी के प्रकट दिवस को राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में आयोजित करने का प्रस्ताव पास किया है जो प्रथम बार अक्टूबर 2016 में आयोजित हुआ। सातवें आयुर्वेद दिवस के रूप में आज यह आयोजन किया गया है। इस वर्ष भारत सरकार ने 12 सितंबर से 23 अक्टूबर तक 6 सप्ताह की अवधि में हर घर हर दिन आयुर्वेद की थीम के साथ आयुर्वेद दिवस मनाने का आदेश किया गया है। रुड़की में 18 अक्टूबर को केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान में भी आयुर्वेद दिवस आयोजित हुआ जिसमें आयुर्वेद पर चर्चा की गई और निशुल्क चिकित्सा शिविर आयोजित किया गया। उसी श्रृंखला में आज का आयोजन समर्पित है। डॉ. आशुतोष सिंह ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य के लिए हवन करना सबसे उत्तम उपाय है जिससे वातावरण शुद्ध होता है।
इसके अतिरिक्त विश्व आयुर्वेद परिषद के अध्यक्ष डॉक्टर दिनेंद्र सिंह, डॉ. शशि मोहन गुप्ता, डॉक्टर गोपाल कृष्ण, डॉ. अनिल वर्मा आदि ने अपने विचार रखे इस अवसर पर विशेष रुप से डॉक्टर सुधीर गुप्ता, डॉक्टर विनोद गुप्ता, डॉ. रामपाल शर्मा, डॉक्टर सतीश कटारिया, डॉक्टर कैलाश बंसल, भारती सिंह, बबीता गुप्ता, प्रतिभा गुप्ता, निर्मल सिंह, डॉ. इंद्रेश पुष्करणा, डॉ. प्रदीप त्यागी, डॉ. विपुल मलिक एवं डॉक्टर शलभ अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।

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