उत्तराखंड ब्यूरो
कोटद्वार । जीआईसी धोबीघाट में राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर के चौथे दिन प्रभारी दिगम्बर सिंह बिष्ट ने प्रातःकालीन सभा में सरस्वती वन्दना के उपरान्त ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले नशे व शराब आदि के सेवन से होने वाली बीमारियों आदि पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि, आज ग्रामीण क्षेत्रों में जंगली सुअर, बंदर आदि वन्य जानवर द्वारा खेतीबाड़ी को नष्ट किए जाने की वजह से ही नही बल्कि ग्रामीण व्यक्तियों के पास उद्यमिता अथवा मजदूरी आदि का कोई कार्य न होने के कारण अपने परिवार के लिए अजीविका कमाने की चिन्ता होने के कारण वे शराब आदि का सेवन करते हैं लेकिन बाद में शराब व्यक्ति के शरीर की जरुरत हो जाती है जिस कारण वे अगर शराब छोड़ना भी चाहे तो वे नहीं छोड़ पाते हैं फिर एक समय उसी शराब से उन्हे बीमारी आदि के कारण अपनी जान गवानी पड़ती है। अंत में प्रभारी बिष्ट ने राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्रों को यह संकल्प दिलवाया कि न तो वे कभी अपने जीवन में शराब का सेवन करेंगे बल्कि अपने ग्रामीण परिवेश में या समाज में जो कोई भी इसका सेवन करता है उसे शराब का सेवन न करने हेतु प्रेरित करेंगे साथ ही जरुरत पड़े तो उन्हे नशा मुक्ति केन्द्र में जाने हेतु बाध्य करेंगे।
राष्ट्रीय सेवा योजना के शिविरार्थियों द्वारा मध्यावकाश के उपरान्त अपने विद्यालय के परिसर में स्वच्छता अभियान के अन्तर्गत सफाई कार्यक्रम चलाया गया। जिसमें उनके द्वारा सड़क से विद्यालय को आने वाले रस्ते में किनारे की झाड़ियों आदि को साफ कर जलाया गया व विद्यालय का आंगन व कक्षाओं में भी साफ-सफाई की गयी।राष्ट्रीय सेवा योजना के शिविर के चौथे दिन में भी विद्यार्थियों द्वारा कोविड-19 की नयी एसओपी के नियमों का पालन करने के साथ-साथ मास्क, सैनेटाईजर के इस्तेमाल व सोशल डिस्टंसिंग के साथ कार्य किया । कार्यक्रम के अंत में प्रभारी दिगम्बर सिंह बिष्ट ने छात्रों को 02 मार्च से प्रारम्भ हुए राष्ट्रीय सेवा योजना के शिविर को सफल बनाने की अपील की तथा शिविर के दौरान दी जाने वाली जानकारियों को अपने जीवन में अमल में लाये जाने की बात कही। अंत में प्रधानाचार्य अतुल कुकरेती ने चौथे दिन के समापन में शिविर में शान्ति व आपस में सहयोग बनाये रखे जाने पर छात्रों के प्रति धन्यवाद प्रकट किया ।

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