बंगाल ब्यूरो 

कोलकाता। गत 10 अप्रैल को चौथे चरण के मतदान वाले दिन कूचबिहार जिले के सीतलकुची में केंद्रीय बलों के जवानों द्वारा की गई फायरिंग में चार लोगों की मौत से संबंधित वीडियो सामने आया है। इसमें देखा जा सकता है कि फायरिंग से पहले बड़ी संख्या में गांव वाले लाठी-डंडे और धारदार हथियार लेकर सेंट्रल फोर्स पर हमला करने की कोशिश कर रहे हैं । वीडियो में नजर आ रहे अधिकतर लोग मुस्लिम समुदाय के हैं जिनके हाथों में लाठी डंडे ईंट पत्थर और धारदार हथियार हैं। मतदान केंद्र के पास मौजूद सेंट्रल फोर्स के जवानों पर हमला कर रहे हैं। यहां तक कि मतदान केंद्र के दरवाजे पर भी बांस से मार रहे हैं। किस वजह से वह ऐसा कर रहे हैं स्पष्ट नहीं है। पीठासीन अधिकारी का कहना है कि बूथ कब्जा करने की कोशिश और मतदाताओं को मतदान करने से रोकने को लेकर विवाद की शुरुआत हुई थी जिसके बाद बड़ी संख्या में लोग लाठी-डंडे और धारदार हथियार लेकर सेंटर कोर्ट पर चढ़ाई करने की कोशिश कर रहे थे।
गौर हो कि मतदान से ठीक पहले ममता बनर्जी ने लोगों को सेंट्रल फोर्स को घेरने के लिए उकसाया था।
अब घटना के चार दिन बाद जो वीडियो सामने आया है उसमें देखा जा सकता है कि लोग लाठी-डंडे लेकर जवानों पर हमला करने की कोशिश कर रहे हैं। इसमें कुछ पुलिसकर्मी भी नजर आ रहे हैं जो भीड़ को हटाने के उन्हें खड़ा खड़ा तमाशा देख रहे हैं और उल्टे भीड़ में लाठी-डंडे लेकर खड़े लोग ही पुलिसकर्मियों को डांट रहे हैं। वीडियो में गोली चलने की आवाज और खून से लथपथ हालत में पड़े हुए लोगों को भी देखा जा सकता है। गोली चलने के बाद भी लोग अपनी जगह से नहीं हटे हैं और मतदान केंद्र के अंदर घुस कर तोड़फोड़ कर रहे हैं। यहां तक कि पीठासीन अधिकारियों को भी मारा पीटा गया है। बाद में पुलिस और सेंट्रल फोर्स के जवानों ने अधिकारियों को सुरक्षित बाहर निकाला है। पीठासीन अधिकारी का कहना है कि उस दिन जिस तरह से भीड़ ने हमला किया उसके बाद लगा नहीं था कि दोबारा घर लौटेंगे लेकिन कुछ ही देर बाद दूसरे समुदाय के स्थानीय लोगों ने आकर उन्हें बचाया और बाद में पुलिस तथा सेंट्रल फोर्स उन्हें निकाल कर बाहर ले गई।
उल्लेखनीय है कि सीतलकुची में मतदान वाले दिन सेंट्रल फोर्स की बंदूक छीनने की कथित कोशिश के बाद फायरिंग की गई थी जिसमें चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी। सभी लोग अल्पसंख्यक समुदाय के थे जिसे लेकर ममता बनर्जी ने खूब हंगामा मचाया था। घटना वाले दिन ही वह मृतकों के परिजनों से मिलने के लिए जा रही थीं लेकिन चुनाव आयोग ने नेताओं के प्रवेश पर 72 घंटे की रोक लगा दी थी जिसकी वजह से एक दिन पहले ही उनके घर जाकर परिजनों से मुलाकात की है।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *