राष्ट्रीय अध्यक्ष ने संगठन प्रभारियों के साथ बैठक कर दिए महत्वपूर्ण निर्देश
विजय शंकर
पटना । जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री आरीसीपी सिंह ने आज जदयू मुख्यालय में संगठन प्रभारियों के साथ बैठक की। इस दौरान पूर्व विधानपार्षद श्री संजय कुमार सिंह उर्फ गांधीजी, श्री ललन सर्राफ, पूर्व मंत्री श्री लक्ष्मेश्वर राय, राष्ट्रीय सचिव श्री रवीन्द्र सिंह, प्रदेश महासचिव डॉ. नवीन कुमार आर्य, अनिल कुमार, श्री चंदन सिंह, जदयू प्रशिक्षण प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष श्री सुनील कुमार, जदयू मीडिया सेल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमरदीप, संगठन प्रभारी श्री अशोक कुमार बादल, श्री आसिफ कमाल, श्री मृत्युंजय कुमार सिंह, श्री अरुण कुमार सिंह एवं अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ (दक्षिणी बिहार) के अध्यक्ष श्री प्रवीण चन्द्रवंशी मौजूद रहे।
बैठक के दौरान श्री आरसीपी सिंह ने ‘विकास दिवस’ की तैयारियों की समीक्षा की और कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। ध्यातव्य है कि पार्टी ने मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के जन्मदिन 1 मार्च को विकास दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। श्री आरसीपी सिंह ने कहा कि इस वर्ष हमारे नेता का 70वां जन्मदिवस है। उनके 70वें जन्मदिन से ‘विकास दिवस’ की भव्य शुरुआत होगी। उन्होंने कहा कि श्री नीतीश कुमार केवल जदयू के नहीं बल्कि सम्पूर्ण बिहार के नेता हैं और उनकी राष्ट्रीय पहचान है। उन्होंने बिहार का नवनिर्माण कर देश और दुनिया का ध्यान खींचा है। उन्होंने कहा कि 1 मार्च को पार्टी के सभी साथी अपने-अपने बूथ पर एकत्रित होकर उनके दीर्घायु होने की कामना करेंगे और साथ ही उनके द्वारा किए गए विकास कार्यों एवं समाज सुधार अभियानों की चर्चा भी करेंगे। इस दिन हमें उनके नेतृत्व में चल रही रही कल्याणकारी योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाने तथा बिहार को विकसित राज्य बनाने का संकल्प लेना है।
बैठक के दौरान संगठन की मजबूती एवं विस्तार को लेकर भी चर्चा हुई। बैठक में अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष एवं प्रभारी विशेष तौर पर चर्चा के लिए बुलाए गए थे। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सभी संगठन प्रभारियों को निर्देश दिया कि प्रदेश से लेकर बूथ स्तर तक अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के लिए कारगर साथियों का चयन करें। उन्होंने कहा कि हमारे नेता श्री नीतीश कुमार ने अतिपिछड़ा समाज को विकास की मुख्य धारा में लाने का ऐतिहासिक काम किया है। सदियों से वंचित रहे अतिपिछड़ों में उनके प्रयासों से सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक और राजनीतिक जागृति आई है। इस समाज के कल्याण के लिए उन्होंने योजनाओं की झड़ी लगा दी है। हमें सुनिश्चित करना है कि इन योजनाओं का लाभ नीचे तक पहुंचे।