संजय शर्मा
चिरकुंडा-(धनबाद) : जिला मुख्यालय से लगभग 45 किलोमीटर दूर निरसा विधानसभा के एग्यारकुण्ड प्रखंड अंतर्गत कालीपहाड़ी पूरब पंचायत ग्राम पोराडीह में पेयजल की भीषण समस्या हैं, पेयजल की समस्या गांव में पिछले तीन दशक से चला आ रहा है पर अब तकभ प्रशासन या जनप्रतिनिधि इस समस्या के निदान के लिए कोई पहल नहीं किए हैं। कालीपहाड़ी पूरब ग्राम के पोराडीह कुल 210 घर हैं और पोराडीह गाँव की कुल आबादी लगभग एक हजार हैं , और इस गाँव मे पेयजल के लिए कोई भी सुविधा नही हैं गांव मे एक तलाब हैं पर गर्मी के दस्तक देते ही वह तलाब सुख जाता हैं और गाँव के अंतिम क्षोर में एक कुआ हैं वहीं कुआ लोगो की प्यास बुझाता हैं, ग्रामीण एक गैलन पानी के लिए घण्टो इंतजार करते हैं तब जाकर उन्हें पीने योग्य पानी मिल पाता हैं। गर्मी आते ही कुआ का पानी भी सतह से काफी नीचे चला जाता है जिसके कारण ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए घोर किल्लत हो गई है। इस गांव मे लगभग 30 वर्षो से समस्या हैं। ग्रामीणों ने अपने स्तर के जिला प्रसाशन से लेकर स्थानीय प्रसाशन से भी गुहार लगा चुके हैं , परंतु यह समस्या आज भी जस की तस बनी हुई हैं। ग्रामीणों ने पेयजल की समस्या को लेकर पेयजल स्वच्छता विभाग कार्यालय में आंदोलन भी लेकिन नतीजा सिफर ही रहा जिसके कारण आज भी गांव के लोग बूंद – बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। गांव में एक ही कुआ रहने के कारणभ लम्बी लम्बी कतार लग जाती हैं , ताकि उनका नंबर आने पर थोड़ा पानी उन्हें मिल पाए। गाँव से करीब 2 किलो मीटर की दूरी पर बराकर नदी है, उसी नदी में ही लोग दिनचर्या करते हैं और कुछ लोग नदी से पानी लेकर चले आते हैं। ग्रामीण सामिन्त्री मांझी के अनुसार पानी की समस्या को लेकर हम लोग काफी परेशान हैं। जिसको लेकर सभी से गुहार लगा चुके हैं, मगर अब तक पानी काभ कोई व्यवस्था नहीं की गई है। रात जागने के बाद थोड़ा पानी मिल जाता है उसी से अपना गुजर बसर कर लेते है। सारोथी मरांडी के अनुसार गाँव मे ग्राम पंचायत की ओर से गाँव के लगभग सभी वार्डो में डीप बोरिग कराई गई हैं परंतु गर्मी के कारण पानी का लेयर काफी नीचे चले जाने के कारण डीप बोरिग भी काम करना बंद कर दिया हैं जिसके कारण पेयजल की समस्या और भी गहरा हो गया हैं। धनबाद सांसद पीएन सिंह एवं पूर्व विधायक अरूप चटर्जी को पत्राचार के माध्यम से अपने गांव की पेयजल संकट की स्थिति से अवगत कराया परंतु किन्ही के द्वारा कोई पहल नहीं किया गया है। और मुखिया को उतना फंड नहीं मिलता है जो की समस्या को दूर किया जा सके। मेगा फंड के तहत इस समस्या को दूर किया जा सकता है जोकि प्रयासरत हूं।
सबसे बड़ी बात हैं कि निरसा विधानसभा में दो- दो डैम हैं जिसके पानी से जिले भर के लाखों लोगों की प्रतिदिन प्यास बुझती हैं। परंतु डैम की महज चंद दूरी में गुजर बसर करने वाले लोग आज बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। देखना यह होगा कि इस समस्या को लेकर सरकार कितना गंभीरता से लेती है और कालीपहाड़ी पूरब के पोराडीह गांव के लोगों के लिए सरकार क्या कदम उठाती हैं।

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