बिहार के पतंजलि का दिया योग निरोग रहने का विज्ञान, किसी धर्म का हिस्सा नहीं : सुशील कुमार मोदी

विजय शंकर
पटना : राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने अज ट्वीट कर कहा कि कोरोना की वैश्विक महामारी के चलते लगातार दूसरे साल योग दिवस पहले की तरह नहीं मनाया जाएगा, लेकिन उस दिन सबको इसे अपने घरों में या कोविड नियमों का पालन करते हुए प्रशासन की अनुमति से कुछ सार्वजनिक स्थलों पर योगाभ्यास अवश्य करना चाहिए। नियमित योग- प्राणायाम करना वास्तव में निरोग रहने, आक्सीजन लेवल ठीक रखने और इम्यूनिटी बढाने का आयुर्विज्ञान है, किसी धर्म का हिस्सा नहीं।

उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयास से संयुक्त राष्ट्र ने 2016 में पहली बार हर वर्ष 21 जून अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की घोषणा की। इसे कई मुसलिम देशों सहित दुनिया के 150 से अधिक देशों ने स्वीकार किया। विश्व को योग के रूप में आरोग्य का अद्भुत विज्ञान देने वाले ऋषि पतंजलि बिहार के थे और इसी राज्य के मुंगेर में अन्तरराष्ट्रीय का योग विद्यालय है। स्वामी सत्यानंद की प्रेरणा से स्थापित इस विद्यालय में प्रामाणिकता के साथ योग का प्रशिक्षण मिलता है और योग शिक्षक बनने लायक डिग्री भी दी जाती है।
उन्होंने कहा कि यह अनुभव किया गया कि नियमित योग करने वाले लोग औरों की अपेक्षा कोरोना से कम ग्रसित हुए। यह योग के प्रभाव का स्पष्ट प्रमाण है। जो लोग कभी योग के विरुद्ध दुष्प्रचार कर रहे थे, वे आज कोरोना वैक्सीन पर भ्रम फैलाने के नित नए हथकंडे आजमा रहे हैं।

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