नव राष्ट्र मीडिया
पटना
पीपल नीम तुलसी अभियान के तहत लगाए गए पौधों की रक्षा के लिए नई मुहिम शुरू की गई पौधों को पानी देने के लिए सेलाइन विधि का भी उपयोग किया गया । इसकी काफी सराहना पर्यावरण विदों ने की है । इस विधि से पौधों को थोड़ा-थोड़ा पानी निरंतर मिलता रहता है और उसके सूखने की संभावना भी कम रहती है। मटका विधि से भी उसकी जड़ों को ठंडक मिलता रहता है।
अभियान के तहत आज 38 वें चरण में रविवार को गंगा पथ एल सी टी घाट पर नीम पौधा का संरक्षण किया गया। पीपल नीम तुलसी के संस्थापक डॉ धर्मेंद्र कुमार के नेतृत्व में नीम पौधा को पटवन के लिए ड्रौप विधि अपनाई गई। इसके तहत बूंद बूंद पानी पौधों की जड़ों को निरंतर मिलना शुरू हुआ। इसके लिए बेकार पड़े अस्पतालों में सेलाइन का उपयोग किया गया । कमजोरी तथा सूखते पौधों के बगल में लकड़ी की डंडी गाड़ कर उसका सहारा बनाकर उससे ही से लाइन के डिब्बो को लटकाया गया।
दूसरी मटका विधि भी अपनाई गई । आज कई जगह सेलाइन लगाए गए एवं 25 मटका भी पौधों के साथ गाड़े गए । सभी नीम पौधों को पानी निरंतर मिलता रहा । आज के अभियान में डॉ धर्मेंद्र के अलावा प्रमुख रूप से प्रेमलता सिंह , ज्ञानवती देवी , विश्वपति जी,संजय कुमार आदि ने अपना योगदान दिया।

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