विजय शंकर
पटना। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक हुई। बैठक में 11 प्रस्तावों पर मुहर लगी। पहले से महंगी बिकने वाली बालू की कीमतें अब और बढ़ेंगी। जिससे मकान बनाने का सपना भी महंगा हो जाएगा। वहीं बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से मान्यता प्राप्त प्रदेश के 599 इंटर कॉलेज और 16 हाई स्कूलों को अनुदान मिलने का रास्ता साफ हो गया है। वहीं छह नगर निकायों के गठन की भी मंजूरी दी गई है। इन नगर निकायों में सीएम नीतीश के गृह जिले नालंदा के दो पावापुरी व सिलाव को नगर पंचायत का दर्जा दिया गया है।
मंत्रिमंडल ने बिहार खनिज नियमावली 2019 के तहत बंदोबस्त किए गए बालू घाटों की बंदोबस्त राशि में 50 फीसद की वृद्धि कर दी है । साथ ही बंदोबस्त अवधि को 31 मार्च 2021 तक के लिए विस्तार भी दे दिया है। एक जनवरी से बंदोबस्ती की राशि 50 फीसद महंगी हो जाएगी, जिसका सीधा असर बालू उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। जिससे आम लोगों को मकान बनाने का सपना महंगा हो जाएगा। राजस्व वृद्धि और बालू का खनन जायज तरीके से करने के इरादे से सरकार ने यह कदम उठाया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पर्यावरण स्वीकृति प्राप्त करने पर रोक लगाई हुई है। पर्यावरण स्वीकृति पर रोक को देखते हुए पुराने बंदोबस्तधारियों को 50 फीसद अधिक राशि के साथ 31 दिसंबर 2020 तक के लिए खनन की अनुमति दी गई थी जिसकी मियाद 31 दिसंबर को समाप्त हो रही है।
नीतीश मंत्रिमंडल ने छह नगर निकाय गठन का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया है। इसके तहत गोपालगंज का हथुआ, नालंदा का पावापुरी व सिलाव, समस्तीपुर का सिंधियां और बांका का बौंसी तथा मधुबनी का बेनीपट्टी को नगर पंचायत का दर्जा दिया गया है।
615 इंटर कॉलेज और प्लस टू को मान्यता
वहीं प्रदेश में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने 615 इंटर कॉलेज और प्लस टू को मान्यता प्रदान की है। इन कॉलेज-स्कूलों की मान्यता अवधि जुलाई महीने में समाप्त हो चुकी है। नए सिरे से मान्यता हासिल करने के लिए इन्हें 31 दिसंबर 2020 तक का समय दिया गया था। मान्यता के लिए समिति को कुछ आवश्यक साक्ष्य देने होते हैं। सूत्रों ने बताया कि आदेश के बाद अब तक तकरीबन 490 इंटर कॉलेज व प्लस टू स्कूलों ने बोर्ड को आवश्यक साक्ष्य सौंपे हैं। सरकार का मत है कि किसी भी इंटर कॉलेज व हाई स्कूल का अनुदान बाधित ना हो, इसके लिए मानदंड पूरा करने की मियाद को 31 दिसंबर 2021 तक विस्तारित कर दिया है। मापदंड पूरा करते ही सभी 615 इंटर कॉलेज व हाई स्कूलों को 2014-16 से अनुदान की राशि मिल सकेगी।