दलित, भूमिहार, ब्राह्मण, अतिपिछड़ा, राजपूत को बनाया गया मंत्री
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत 15 मंत्रियों ने ली शपथ
विजय शंकर
पटना । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सातवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ आज राजभवन में आयोजित एक सादे समारोह में ले ली। मुख्यमंत्री को राज्यपाल फागू चौहान ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री के साथ अन्य 14 विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली है । इस बार नीतीश कुमार ने कुछ जातीय समीकरणों का ख्याल रखा है और अगड़ी जाति से भी जीत कर आए विधायकों को मंत्री पद देने की कोशिश की । बावजूद इसके मुख्यमंत्री ने कायस्थ समाज से जीत कर आए किसी भी विधायक को मंत्री पद नहीं दिया जिससे समाज जो पहले से नाराज था , उनकी नाराजगी और बढ़ गई है ।

इस बार बिहार सरकार में पहली बार दो उपमुख्यमंत्री बनाए गए जिसमें एक कटिहार से चौथी बार विधायक बने तारकिशोर प्रसाद को उप मुख्यमंत्री बनाया गया जबकि बेतिया से रेणू देवी भी चौथी बार जीत कर आईं जिन्हें उप मुख्यमंत्री बनाया गया ताकि महिला समाज को भी इस सदन में प्राथमिकता मिल सके। रेणू देवी नोनिया समाज से आती हैं और पहली बार इन्हें उपमुख्यमंत्री का पद मिला है जबकि इससे पहले भी वह खेल,कला व संस्कृति मंत्री के पद पर 2005 में रह चुकी हैं। अति पिछड़ा समाज से आती हैं। तीसरे मंत्री के तौर पर विधानसभा के अध्यक्ष रहे विजय चौधरी ने शपथ ली है जो समस्तीपुर जिले के सरायरंजन से छह बार विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचे हैं । भूमिहार समाज से आते हैं और नीतीश ने उच्च जाति को पद देने की कोशिश की है। सुपौल से 1990 से लगातार चुनकर आने वाले विजेंद्र यादव इस बार भी मंत्री बने हैं और इनका नाम बिजली मंत्री के रूप में राज्य में बिजली व्यवस्था वितरण में सुधार के लिए हमेशा सुर्खियों में रहा है। पिछली सरकार में भवन निर्माण मंत्री रहे अशोक चौधरी जिसको नीतीश कुमार ने जदयू का कार्यकारी अध्यक्ष चुनाव से ठीक पूर्व बनाया था, उन्हें भी मंत्री बनाया गया है । अशोक चौधरी पांचवी बार जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं और पूर्व में कांग्रेस में रहने के बाद अच्छे संबंधों के कारण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इन्हें जदयू के साथ जोड़ा है । इसके बाद मुंगेर जिले के तारापुर से जदयू विधायक मेवालाल चौधरी को पहली बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंत्री पद दिया है । कृषि विशेषज्ञ के तौर पर इनकी एक बड़ी भूमिका हमेशा रही है। कुशवाहा समाज से मेवालाल आते हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मेवा लाल के बहाने कुशवाहा समाज को भी लाभ देने की कोशिश की है क्योंकि कुशवाहा समाज ने एनडीए को चुनाव में पूरी तरह वोट नहीं दिया । इसके बाद मधुबनी के फूलपरास से जीते हैं। धानुक जाति से आने वाली शीला मंडल को नीतीश कुमार ने मंत्री पद दिया है । शीला मंडल एक घरेलू महिला के बाद पहली बार जीत का विधान सभा में पहुंची है और पहली बार ही मंत्री पद मिल गया । हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम माझी ने अपनी जगह अपने बेटे संतोष माझी को मंत्री बनवाया है । मल्लाह समाज से आने वाले महादलित नेता संतोष माझी ने राजनैतिक शास्त्र में स्नातकोत्तर तक पढ़ाई की है। विकासशील इंसान पार्टी vip के मुकेश साहनी हालांकि विधानसभा चुनाव में सिमरी बख्तियारपुर से हार गए लेकिन इन्हें भी नीती श सरकार ने मंत्री बनाया है और उम्मीद की जाती है कि जो mlc का एक सीट देने का वादा किया गया है उस सीट से ही जीतकर यह उच्च सदन में जाएंगे ।

भाजपा की ओर से स्वास्थ्य मंत्री रहे मंगल पांडे को फिर से मंत्री पद दिया गया है । ब्राह्मण समाज से आने के कारण नीतीश कुमार ने मंगल पांडे को फिर से मंत्री पद दिया है । आरा से वरिष्ठ भाजपा नेता अमरेंद्र प्रताप सिंह को पहली बार मंत्री बनाया गया है जबकि आरा सीट से लगातार जीत करते रह हैं । पिछली बार भी चुनाव जीतकर आए थे । नीतीश कुमार ने मंत्री नही बनाया था जिनसे की काफी आलोचना की गई थी । सांसद आर के सिंह के साथ इनके काफी अच्छे रिश्ते बतलाये जाते हैं । राजनगर सीट से तीसरी बार जीत कर आए विधायक राम प्रीत पासवान भी मंत्री बनाए गए हैं । 67 वर्षीय रामप्रीत दलित समाज से आते हैं । पहली बार इन्हें मंत्री बनाया गया। दरभंगा के जाले से चुनकर आए जीवेश मिश्र को भी मंत्री बनाया गया है । जीवेश मिश्रा भूमिहार समाज से आते हैं और अपने समाज में इनकी एक अलग पहचान है। मुजफ्फरपुर के औराई सीट से जीतकर आये राम सूरत राय को भी मंत्री बनाया गया है । 48 वर्षीय राम सूरत राय यादव जाति से एक सम्मानित नाम है और 45000 वोट से जीत कर आए हैं । इनको पहली बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंत्री पद दिया है।

समारोह में गृहमंत्री अमित शाह , भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मंत्री अश्वनी चोबे समेत कई मंत्री विधायकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। शपथ ग्रहण समारोह में दो मंत्रियों ने मैथिली भाषा में शपथ ली जबकि अन्य सभी मंत्रियों ने हिंदी भाषा में ही शपथ ग्रहण किया। उप मुख्यमंत्री के रूप में साथ रहने वाले शुशील कुमार मोदी भी नीतीश के साथ नजर आए, जो इस बार बदल दिए गए हैं।

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