-वकील मनिंदर सिंह ने दायर किया पीआईएल, कल की सुनवाई के लिए पंजाब सीएम को भेजा पत्र 

नेशनल ब्यूरो 
नई दिल्ली : पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक का मामला अब सुप्रीम कोर्ट जा पहुंचा है। पंजाब के मौजूदा हालात को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए सुरक्षा व्यवस्था के उच्चतम मानक अनिवार्य थे। प्रोटोकॉल के मुताबिक, मुख्य सचिव या डीजीपी की कार को पीएम के काफिले में शामिल होना अनिवार्य है। हालांकि न तो सीएस और न ही डीजीपी या उनके प्रतिनिधि पीएम के काफिले में शामिल हुए। सुप्रीम कोर्ट में दायर एक जनहित याचिका में यह बात कही गई है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लॉयर्स वॉयस की याचिका में कहा गया है कि सुरक्षा चूक स्पष्ट रूप से जानबूझकर की गई थी। साथ ही यह राष्ट्रीय सुरक्षा और पंजाब सरकार की भूमिका के बारे में एक गंभीर सवाल उठाती है।
वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी फिरोजपुर में एक सभा को संबोधित करने वाले थे, लेकिन उनकी सुरक्षा में चूक हो गई। उन्होंने कहा कि पंजाब के हालात को देखते हुए चूक की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और जवाबदेही तय की जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा न पैदा हो।
सीजेआई के नेतृत्व वाली पीठ ने मनिंदर सिंह से पूछा कि आप अदालत से क्या उम्मीद कर रहे हैं और क्या कथित सुरक्षा चूक भटिंडा या फिरोजपुर में हुई? इसके जवाब में सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार के कारण प्रधानमंत्री सड़क पर फंसे रहे। यह पंजाब सरकार की एक गंभीर चूक थी। राज्य में राजनीतिक स्थिति को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में पूरी तरह से जांच की जानी चाहिए।
मुख्य जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हेमा कोहली की बेंच ने मनिंदर सिंह से पंजाब सरकार को याचिका की एक प्रति देने के लिए कहा और इसे शुक्रवार को सुनवाई के लिए पोस्ट कर दिया गया है।
सुरक्षा उल्लंघन की गहन जांच की मांग
वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में भटिंडा में पीएम मोदी के काफिले को रोकने में सुरक्षा उल्लंघन की गहन जांच की मांग की गई है। साथ ही भटिंडा जिला न्यायाधीश को पीएम की यात्रा के लिए पुलिस बंदोबस्त से संबंधित सभी सबूतों को अपने कब्जे में लेने का निर्देश देने की मांग की गई है।

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