72 घंटे में रिपोर्ट, IB-SPG और कैबिनेट सेक्रेटेरिएट के 3 अफसर करेंगे जांच
पंजाब सरकार ने भी बनाई अलग जाँच कमिटी, कल ही बुलाया था अधिकारीयों को
नेशनल ब्यूरो
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के काफिला को प्रदर्शनकारी किसानों के कारण एक पुल पर लगभग 20 मिनट तक रुकना पड़ा । बुधवार को हुयी इस घटना में पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक कैसे हुयी , दोषी कौन है , इसके लिए केंद्र सरकार ने एक जाँच कमिटी बना दी है जो 72 घंटे के अन्दर अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को देगी । दूसरी तरफ पंजाब की सरकार ने भी एक दूसरी कमिटी जाँच के लिए बना दी है जिसका ताना बना मुख्यमंत्री ने कल ही बना ली थी। इधर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपति से मिलकर पूरी घटना से उन्हें अवगत कराया है जिसके बाद राष्ट्रपति ने गंभीर चिंता जताई है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पंजाब प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है और विस्तृत रिपोर्ट मांगी है जिसको लेकर मुख्यमंत्री ने कल ही पंजाब के डीजीपी को तलब किया था । उल्लेखनीय है कि मौसम की खराबी के चलते प्रधानमंत्री सड़क मार्ग से गए थे और फिर यह घटना हो गयी । इस घटना को लेकर सभी दलों की ओर से बयानबाजी चल रही है और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह ने कल ही पंजाब में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर दी थी ।
पंजाब में प्रधानमंत्री के रूट के दौरान हुई सुरक्षा चूक के मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक हाई पावर कमेटी का गठन किया है । इस कमेटी में 3 सदस्य रखे गए हैं । कमिटी जांच करेगी कि प्रधानमंत्री के इस रूट के दौरान सुरक्षा को लेकर क्या-क्या खामियां रहीं और उसके लिए कौन जिम्मेदार है । केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक इस उच्च स्तरीय कमेटी में प्रधानमंत्री कार्यालय के अंतर्गत आने वाली कैबिनेट सेक्रेटेरिएट के सचिव (सुरक्षा) सुधीर कुमार सक्सेना, केंद्रीय खुफिया ब्यूरो के संयुक्त निदेशक बलवीर सिंह और प्रधानमंत्री की सुरक्षा में तैनात स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप यानी एसपीजी के महानिरीक्षक एस सुरेश को सदस्य बनाया गया है । केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस उच्च स्तरीय कमेटी से कहा है कि इस बाबत जांच कर जल्द से जल्द 72 घंटे के अन्दर अपनी रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को दें ताकि आगे की कार्रवाई हो सके ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को पंजाब दौरे पर गए थे जहां उन्हें फिरोजपुर के पास एक रैली को भी संबोधित करना था. प्रधानमंत्री जब मौसम खराब होने के कारण सड़क के रास्ते फिरोजपुर जाने लगे तो रास्ते में कथित प्रदर्शनकारियों द्वारा उनका रास्ता रोका गया. यह भी आरोप है कि पंजाब पुलिस द्वारा इस बाबत कोई भी ठोस कदम नहीं उठाए गए जिसके चलते प्रधानमंत्री की सुरक्षा खतरे में पड़ गई । आरोपों के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री ने जाँच कमिटी बनाने की बात कही है और आरोप भी लगाया है कि रैली में महज 700 लोग आये थे इसलिए पीएम वहां जाना नहीं चाह और वापस लौट गए ।