आयरन और स्टील उद्योग ने भारत के इतिहास में मगध जैसे साम्राज्यों की प्रगति में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी

हरियाणा ब्यूरो

गुरुग्राम/पटना: केन्द्रीय इस्पात मंत्री श्री राम चन्द्र प्रसाद सिंह ने दो-दिवसीय एशिया स्तर की प्लास्टिक रीसाइक्लिंग कांफ्रेंस का 28 अप्रैल सुबह गुरुग्राम, हरियाणा में दीप प्रज्जवलित कर उद्घाटन किया | इस अवसर पर देश-विदेश से आये प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “आयरन और स्टील उद्योग ने भारत के इतिहास में मगध जैसे साम्राज्यों की प्रगति में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और मुझे विश्वास है कि वर्तमान युग में धरती माँ को प्रदूषण से मुक्ति दिलाने में भी यह उद्योग अग्रणी भूमिका निभाएगा | हम सब को मिल कर यह सुनिश्चित करना होगा कि हम जिस जल, वायु और भोजन का सेवन करते हैं वो स्वास्थ्यवर्धक हो | हमें क्लीन और ग्रीन स्टील, डीकार्बोनाइजेशन और कार्बन न्यूट्रल भविष्य पर एक सुनियोजित तरीके से काम करना होगा | प्लास्टिक वेस्ट का उपयोग, कोकिंग और नॉन-कोकिंग, दोनों कोयला के स्थान पर किया जा सकता है जिससे वेस्ट को वेल्थ में सतत रूप से बदला जा सकता है |

प्लास्टिक के अलावा अन्य पदार्थों का कचरा शहरों और गाँवों में नहीं होता है, इसलिए प्लास्टिक हर जगह फ़ैल गया है, सड़कों से लेकर समुद्र की तलहटी तक | हमें प्लास्टिक रीसाइक्लिंग को इतना उपयोगी बनाना होगा कि लोग प्लास्टिक के कचरे को भी लोहे और कागज़ की तरह रीसाइक्लिंग में मदद करें | रीसाइक्लिंग से फायदा यह है कि प्लास्टिक का विघटन नहीं होगा और प्रदूषित पदार्थ वातावरण में नहीं मिलेंगे | भारत ने औद्योगिक क्रांति से भले ही लाभ न उठाया हो, पर आईये हम सब मिलकर प्लास्टिक रीसाइक्लिंग से स्टील क्षेत्र में ऊर्जा से एक नयी क्रांति को जन्म दें | इससे जुड़े सभी लोगों का हित होगा और सबकी जीत होगी | प्लास्टिक रीसायकल होने से प्रदूषण कम होगा, स्टील उद्योग को कोकिंग कोल आयात कम करने में मदद मिलेगी और नए रोज़गार के अवसर उत्पन्न होंगे |”

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