संजीव,
पटना। उच्च शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश में कार्यरत हिंदी की सहायक प्राध्यापक डाॅ. इंदिरा दाँगी को इस वर्ष का चंद्रगुप्त साहित्य सम्मान प्रदान किया जायेगा। इसकी घोषणा चंद्रगुप्त साहित्य महोत्सव सम्मान समिति के अध्यक्ष प्रो. अमरनाथ सिन्हा ने की। उन्होंने बताया कि आज सम्मान समिति की बैठक में कई नामों की चर्चा के बाद सर्वसम्मति से डाॅ. इंदिरा दाँगी को इस वर्ष का चंद्रगुप्त साहित्य सम्मान देने का निर्णय लिया गया। चंद्रगुप्त साहित्य सम्मान हिंदी साहित्य के क्षेत्र में अविस्मरणीय योगदान के लिए प्रदान किया जाता है। सम्मान के तौर पर उन्हें 51,000 रूपये की राशि,स्मृति चिह्न, प्रशस्ति पत्र और अंगवस्त्र प्रदान किया जायेगा।
डाॅ. इंदिरा दाँगी का जन्म 13 फरवरी, 1980 को मध्य प्रदेश के दतिया में हुआ था। डाॅ. दाँगी की पहचान एक प्रसिद्ध साहित्यकार के रूप में है। उन्होंने कई उपन्यास, कहानी और नाटक लिखे हैं। इनकी प्रसिद्ध रचनाओं में उपन्यास हवेली सनातनपुर (2014), रपटीले राजपथ, विपश्यना तथा नाटक में आचार्या, रानी कमलापति, राजकुमार पिथौरा और नत्र्तकी इत्यादि प्रसिद्ध है। 9 पुस्तकों की लेखिका डाॅ. दाँगी की कहानियों का अंग्रेजी, नेपाली, तमिल समेत कुल 11 भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। इनकेे नाटकों का देश-विदेश में मंचन होता रहा है। देश-विदेश के अनेक भाषाओं के पत्र-पत्रिकाओ में इनकी कहानियां प्रकाशित होते रही हैं। आप आकाशवाणी के लिए गत 15 वर्षों से पटकथा लिख रही हैं।
साहित्य साधना के लिए डाॅ. इंदिरा दाँगी को कई सम्मान प्रदान किए गए हैं,जिसमें मध्य प्रदेश शासन द्वारा बालकृष्ण शर्मा नवीन पुरस्कार (2014), साहित्य अकादमी द्वारा साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार (2015), दुष्यंत कुमार स्मृति पुरस्कार (2015), दिल्ली सरकार द्वारा मोहन राकेश नाट्य अनुशंसा पुरस्कार (2017) इत्यादि शामिल हैं। चंद्रगुप्त साहित्य सम्मान प्रदान करने के लिए सम्मान समिति के अध्यक्ष प्रो. अमरनाथ सिन्हा के अलावा प्रो. राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, प्रो. अरुण कुमार भगत, श्रीप्रकाश नारायण सिंह, डाॅ. मोहन सिंह, प्रो. किरण घईं और प्रो. दीप्ति कुमारी शामिल थी।

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