सुबोध,
किशनगंज 19 अप्रैल ।
जिले में कुपोषण के खिलाफ जागरूकता लाने के उद्देश्य से जिले के सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों में अन्नप्राशन दिवस के रूप में मनाया गया | आईसीडीएस के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मंजूर आलम ने कहा की पोषण की समस्या को जड़ से मिटाने के लिए हमारी जिले की सभी आंगनवाड़ी दीदी समस्या को जड़ से मिटाने के लिए काफी सजग और संकल्पित है। जन -जन के सहयोग से पोषण माह का उद्देश्य सफल होगा। पोषण माह का मुख्य उद्देश्य कुपोषण मुक्त समाज का निर्माण है। लेकिन यह तभी संभव है जब समाज के प्रत्येक व्यक्ति को उचित पोषण की जानकारी होगी। पोषण माह के माध्यम से कार्यक्रमों का आयोजन कर समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक पोषण का संदेश पहुंचाया जा रहा है।
पोठिया प्रखंड की सीडीपीओ जीनत यास्मीन ने अन्नप्राशन कार्यक्रम के दौरान पोषण के पांचों सूत्रों का जिक्र किया. पहले सूत्र के रूप में बच्चे के पहले हजार दिन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा की गर्भावस्था के 270 दिन तथा उसके बाद 2 वर्ष तक लगभग 730 दिन बच्चे के सबसे सुनहरे हजार दिन होते हैं. इसी समय बच्चे को सही आहार दिया जाना चाहिए ताकि उसका मस्तिष्क तेजी से विकास कर सके. पौष्टिक आहार के रूप में 6 माह तक बच्चे को केवल मां का दूध दिया जाना चाहिए. इस दौरान ऊपर से पानी भी नहीं देना चाहिए. छह माह के बाद बच्चे को ऊपरी आहार दिया जाना चाहिये.
अन्नप्राशन दिवस पर कोचाधामन के महिला पर्यवेक्षिका प्रीति सिंह के द्वारा कमालपुर पंचायत वार्ड नम्बर 11 में आंगनवाड़ी केंद्र 90 संख्या का क्षेत्र निरीक्षण तथा आंगनवाड़ी केंद्र संख्या 88 के क्षेत्रों का भ्रमण किया। इस दौरान प्रीति सिंह ने बताया कि छः महीने बाद से ही शिशुओं को स्तनपान कराने के साथ अतिरिक्त अनुपूरक आहार दिया जाना चाहिए। इस उम्र में शिशुओं का शारीरिक एवं मानसिक विकास तेजी से होता है इसलिए इस दौरान शिशुओं को ज्यादा आहार की जरूरत होती है। अन्नप्राशन दिवस के साथ ही सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा क्षेत्र के लोगों को कोविड-19 संक्रमण से सुरक्षित रहने के लिए टीका लगाने के लिए जागरूक किया गया।
