अरवल ब्यूरो 

अरवल – अरवल जिला समरणाहालय के सभागार कक्ष में हेल्थ डिपार्टमेंट डिस्ट्रिक टीवी फॉर्म मीटिंग का आयोजन जिला पदाधिकारी जे प्रियदर्शनी की अध्यक्षता में किया गया l बैठक में सिविल सर्जन डॉ राय कामलेश्वर नाथ सहाय एवं इस बीमारी से जुड़े स्वास्थ्य विभाग के वरिय चिकित्सक तथा स्वास्थ्य विभाग के कई कर्मचारी सम्मलित हुये l इस मौक़े पर विशेष रूप से इस बीमारी पर प्रकाश डालते हुये सिविल सर्जन डॉ राय कामलेश्वर नाथ सहाय ने कहा की इस बीमारी को सम्पूर्ण कोर्स की डोज से, इस गंभीर बीमारी को दूर किया जा सकता है,टीवी अब लाइलाज नहीं है,टीवी का सफल उपचार दवाओं के नियमित सेवन एवं कोर्स को पूरा करने पर निर्भर करता है l टीवी एक जानलेवा संक्रामक बीमारी है,जो माइकोबैक्टिरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक जीवाणु से होती है l टीवी ‘यक्ष्मा”राज रोग’ आदि कई अन्य नामों से भी प्रचलित है l भिन्न भिन्न लक्षणों के आधार पर इस टीवी बीमारी की पहचान की जा सकती है, दो सप्ताह या ज्यादा दिनों से खांसी, बुखार या शाम के समय शरीर गर्म होना,भूख ना लगना, छाती में दर्द, बलगम में खून आना, वजन में कमी रात में पसीना आना, कमजोरी एवं थकान, गर्दन के बगल में सूजन, यह इसकी पहचान है l टीबी का उपचार 6 महीनो के लिए लम्बा होता है एवं कई रोगी थोड़ा ही लाभ मिलने पर बीच में ही उपचार छोड़ देते है l जिस कारण टीबी की बेअसर(रेजिस्टेण्ड) हो जाती है l इसके लिए नियमित कोर्स पूरा करने की जिम्मेदारी अकेले रोगी की ही नहीं होती है l नियम से प्रतिदिन सही डोज में दवा सेवन की जिम्मेदारी रोगी, परिवार के सदस्य एवं स्थानीय स्वास्थ्य कर्मी तीनों को भी होती है l इसके साथ ही सभी टीबी रोगीयों को रु 500/ प्रतिमाह इलाज अवधि तक निक्षय पोषण सहायता राशि भी खाते में दी जाती है l इस मौक़े पर उपस्थित सभी बुद्धजीवी, समाजिक लोगों से उन्होंने कहा की वैसे रोगीयों को समुचित एवं सम्पूर्ण इलाज के लिए जागरूक करें, तभी इसे जड़ से खत्म किया जा सकता है, भारत में प्रतिदिन 1000 से ज्यादे लोगों की टीबी बीमारी के कारण मृत्यु हो जाती है l देखा जाय तो सबसे ज्यादा फेफड़ों की टीबी होती है l इस बैठक में रेड क्रॉस के अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा, व्यवहार न्यायालय अधिवक्ता अनिल शर्मा, अरवल चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स के निवर्तमान अध्यक्ष बबन पासवान, व्यवसायी संगठन के उपाध्यक्ष सह मिडिया प्रभारी अंगद कुमार,जिला परिषद के उपाध्यक्ष कुशुम गणेश यादव, संचारी रोग पदाधिकारी डॉ बैजनाथ प्रसाद, डीआईओ विधा भूषण प्रसाद,गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ अरविन्द कुमार, डीपीसी प्रीति कुमारी,मनोज कुमार, भिन्न भिन्न ग्रामीण क्षेत्र के मुखिया उपस्थिति थे l

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