विजय शंकर 

पटना। बिहार क्रिकेट संघ की छवि को धूमिल करने के उद्देश्य वायरल ऑडियो वीडियो को एक साजिश करार देते हुए बीसीए के कोषाध्यक्ष आशुतोष नंदन सिंह ने बीसीए अधिकारी धर्मवीर पटवर्धन पर लगाए जा रहे आरोपों को बेबुनियाद और निराधार बताया।
बीसीए कोषाध्यक्ष ने बिहार की छवि को धूमिल करने वाले साजिशकर्ता को बिहार क्रिकेट में एक कोढ़ रूपी इंसान बताया और कहा कि ऐसी बीमारियों का संपूर्ण इलाज होना अति- आवश्यक है नहीं तो आने वाले दिनों में समाज पर इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
श्री सिंह ने साजिशकर्ता के नाम का खुलासा करते हुए हमला किया है कि आदित्य वर्मा नामक व्यक्ति राष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट का ब्लैकमेलर है जो अपने बेटे लखन राजा को टीम में शामिल कराने के लिए तरह-तरह से आज तक लोगों को ब्लैकमेल करते आ रहा है और आज उसका ब्लैक मेलिंग का धंधा बंद होते नजर आ रहा है तो बीसीए अधिकारी धर्मवीर पटवर्धन को टारगेट करते हुए मनगढ़ंत आरोप लगाने का काम कर रहा है।
मैं आपको बताना चाहूंगा कि इससे पूर्व बीसीए के सचिव रविशंकर प्रसाद सिंह को ब्लैकमेल कर अपने बेटे लखन राजा को चलाने का प्रयास किया और ऐसा नहीं करने पर बीसीए को ध्वस्त करने की धमकी भी दी जो ऑडियो में स्पष्ट रूप से कहा जा रहा है।
वही पूर्व सचिव रविशंकर प्रसाद सिंह और उनके बेटे शक्ति सिंह पर यही आदित्य वर्मा ने महिला क्रिकेटरों के साथ यौन शोषण करने का भी आरोप लगाया और उसके बाद रजामंदी कर अपने बेटे को खिलाने में सफल रहा।
जिसमें इसके शहजादे लखन राजा ने 3 रणजी ट्रॉफी मैचों की पांच पारियों में महज 9 रन ही बना सका जो इसका सर्वश्रेष्ठ स्कोर भी था यानी चार पारी में खाता तक नहीं खोल सका और जब अंपायर इसके बेटे को आउट करार देता है तो अंपायर और मैच रेफरी को भी बीसीसीआई से बाहर करा देने की धमकी दे डालता है।
आज जब इसकी मनमानी पर और ब्लैकमेलिंग की धंधा पर बीसीए सख्त नजर आ रही है तो हर किसी का उल्टा-सीधा ऑडियो वीडियो वायरल कर अपना घिनौना चेहरा बचाने में लगा हुआ है।
मैं आपको बताना चाहता हूं कि इस आदमी को न तो बीसीसीआई का अध्यक्ष और ना हीं बीसीसीआई का सचिव साफ सुथरा छवि की नजर आते हैं। वहीं समस्त क्रिकेट जगत उनकी नजरों में चोर और बेईमान है केवल और केवल आदित्य वर्मा इस धरती पर एक निहायत ईमानदार हैं जो अपने बेटे लखन राजा को टीम में शामिल कराने के लिए साफ साफ शब्दों में कह रहे हैं कि हमको किसी से कोई लेना देना नहीं है क्रिकेट हो या ना हो मैं अपने बेटे को खेलाने के लिए कुछ भी कर सकता हूं मेरे बेटे को टीम में शामिल करो । क्योंकि मेरे खांसने से कोर्ट हिलती है और मेरे इच्छा अनुसार क्रिकेट जगत में कानून चलती है नहीं तो मैं सब को बर्बाद कर दूंगा और मैं सुप्रीम कोर्ट का याचिकाकर्ता हूं कोई मामूली इंसान नहीं।
इन सब बातों को सुनने के बाद मैंने यह निर्णय लिया है कि ऐसे क्रिकेट के कंस और क्रिकेट में राष्ट्रीय स्तर का ब्लैकमेलर आदित्य वर्मा का अब मुंह तोड़ जवाब देना बेहद जरूरी हो गया है। इसके लिए बीसीए एक कमेटी का निर्माण करेगी और इस ब्लैकमेलर से जुड़ी तमाम तथ्यों को एकत्रित कर सिलसिलेवार तरीके से लोगों के समक्ष प्रस्तुत कर इसके वास्तविक चरित्र का पर्दाफाश किया जाएगा ।

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