विजय शंकर
पटना : उद्योग एवं आई.टी. से संबंधित विषयों पर राज्य की आगामी बजट 2022-2023 के लिए सुझाव आमंत्रित करने हेतु उप मुख्यमंत्री-सह-वित्त वाणिज्य-कर मंत्री तारकिशोर प्रसाद की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बजट पूर्व बैठक हुई जिसमें बिहार चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज की ओर से राज्य के उद्योग एवं आईटी से संबंधित विस्तृत ज्ञापन समर्पित किया गया । चैम्बर की ओर से अध्यक्ष पी0 के0 अग्रवाल, उपाध्यक्ष मुकेश कुमार जैन, कोषाध्यक्ष विषाल टेकरीवाल, महामंत्री अमित मुखर्जी, एस0 के0 पटवारी, राजीव अग्रवाल एवं नवीन गुप्ता आदि ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में भाग लिए ।
चैम्बर अघ्यक्ष पी0 के0 अग्रवाल ने बताया कि बजट पूर्व बैठक में निम्नांकित बिन्दुओं पर माननीय उप मुख्यमंत्री का ध्यान दिलाया गया जिसमें प्रमुख है :-
⦁ चाय उद्योग के लिए अलग से प्रोत्साहन नीति तैयार किया जाए ।
⦁ उद्यमियों के प्रोत्साहन राशि से संबंधित जो भी लंबित मामले हैं उनका निपटारा शीघ्रातिशीघ्र किया जाना चाहिए क्योंकि इससे राज्य के उद्यमियों को परेशानी हो रही है एवं असंतोष बढ़ता जा रहा है।
⦁ औद्योगिक भूखंड के लिए अलग से कोई डटत् का दर निर्धारित नहीं है । उक्त परिपेक्ष में हमारा सुझाव है कि औद्योगिक भूखंड का अलग वर्गीकरण करते हुए अलग डटत् का निर्धारण हो जो कृषि योग्य भूमि के लिए निर्धारित डटत् के आस-पास हो ।
⦁ राज्य में त्वरीत औद्योगिक विकास के लिए अधिक से अधिक इंडस्ट्रियल एरिया की स्थापना किया जाना चाहिए जिससे औद्योगिक भूमि उद्यमियों को आसानी से उपलब्ध हो सके।
⦁ बियाडा द्वारा उद्यमियों को लीज पर दिए गए भूमि को फ्री होल्ड किया जाए ।
⦁ राज्य सरकार तथा इसके विभिन्न उपक्रमों में होनेवाली खरीद में स्थानीय उद्योगों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए ।
श्री सुभाष कुमार पटवारी, संयोजक, इंडस्ट्री सब कमिटी ने निम्नांकित बिन्दुओं पर ध्यान दिलाया
⦁ अमृतसर-दिल्ली-कोलकाता इंडस्ट्रीयल कोरिडोर अपने राज्य बिहार से हो कर गुजर रहा है । इसी क्षेत्र से हल्दिया जगदीशपुर गैस पाइप लाईन भी गुजर रही है । इस क्षेत्र में रोड एवं रेल नेटवर्क पूर्व से ही उपलब्ध है । बेहतर आधारभूत संरचना के कारण इस क्षेत्र में औद्योगिक विकास की बड़ी संभावना है अतः गया और कैमूर के बीच कम-से-कम दो औद्योगिक शहर स्थापित करने पर विचार किया जाना चाहिए ।
⦁ हमारे राज्य में वर्त्तमान में लागू विद्युत दरों को पड़ोसी राज्यों यथा झारखंड एवं बंगाल से समतुल्य किया जाए अथवा उद्योगों को सब्सीडी के रूप में सहयोग राशि दी जानी चाहिए ताकि उद्योगों को बचाया जा सके।
⦁ हमारे राज्य में बौद्ध धर्म, जैन धर्म, सिख धर्म के श्रद्धालुओं की रूचि को देखते हुए पर्यटन को बढ़ावा देने की नितान्त आवश्यकता है और सरकार को इस दिशा में विशेष प्रयास करना चाहिए।
⦁ बिहार में काफी संख्या में असम, नेपाल, भूटान, सिक्कम आदि से मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए लोग आते हैं । अतः इस क्षेत्र के और विकास हेतु विशेष प्रोत्साहन की आवश्यकता महसूस की जा रही है जिससे कि राज्य में मेडिकल टूरीज्म का समुचित विकास हो सके ।
⦁ खाद्य एवं खाद्य प्रसंस्करण आधारित उत्पाद के निर्यात हेतु एक सहयोगी संस्था का गठन किया जाए ।
⦁ हल्दिया और इलाहाबाद के बीच कार्गो की आवाजाही पटना के रास्ते गंगा नदी में जल मार्ग में सुधार करके प्रारम्भ कराया जाना चाहिए ।
⦁ केन्द्र सरकार द्वारा बिहार को तय 33.88 करोड़ लीटर इथेनाल के कोटा को बढ़ाकर 1 लाख करोड़ लीटर किये जाना चाहिए जिससे कि राज्य में अधिकाधिक इथेनाल की ईकाईयाँ लग सके।
⦁ बिहार में भी फुड प्रोसेसिंग टेस्टींग मषीन की व्यवस्था की जानी चाहिए।
⦁ राज्य के सर्विस सेक्टर को भी प्रायरिटी सेक्टर में रखा जाना चाहिए ।
श्री राजीव अग्रवाल, संयोजक आई.टी. सब कमिटी ने निम्नांकित बिन्दुओं पर ध्यान दिलाया :
⦁ आईटी की बड़ी कंपनियॉं यथा – टीसीएस, विप्रो, इंफोसिस आदि का डेवलपमेंट सेन्टर पटना में भी स्थापित कराया जाना चाहिए जिससे अधिकाधिक लोगों को रोजगार मिल सके ।आईटी सेक्टर को भी औद्योगिक प्रोत्साहन नीति एवं खरीद अधिमानता नीति में स्थान दिया जाना चाहिए ।
⦁ सरकार के सभी विभागों को आवंटित बजट का कम-से-कम 30% राशि आईटी पर खर्च करना आवश्यक बनाया जाना चाहिए ।
⦁ आईटी सेक्टर को कार्यशील पूंजी के लिए ऋण का विशेष प्रावधान किया जाना चाहिए । बिजली की खपत पर आईटी सेक्टर को सबसिडी दिया जाना चाहिए ।
⦁ सरकारी खरीद में राज्य के आईटी सेक्टर को प्राथमिकता दिया जाना चाहिए ।
बिहार में आईटी से संबंधित प्रस्तावों एवं निवेश के लिए प्रोजेक्ट एप्रेजल एंड मोनिटरिंग कमिटी का गठन किया जाना चाहिए ।