बंगाल ब्यूरो
कोलकाता। अनएडेड मदरसा के शिक्षकों का 46 दिनों तक चला आंदोलन आखिरकार रंग लाया है। शिक्षा विभाग की ओर से उनकी मांगों से संबंधित निर्देशिका जारी होने के बाद आखिरकार शनिवार को आंदोलन खत्म कर दिया गया है।
पश्चिम बंगाल सरकार से मान्यता प्राप्त अप्रशिक्षित मदरसा शिक्षक संघ ने 12 जनवरी को साल्ट लेक सिटी सेक्टर वन के पास आंदोलन शुरू किया था। 19 फरवरी को मदरसा एजुकेशन अनएडेड मदरसा के निदेशक की ओर से एक निर्देश (सरकारी आदेश) जारी किया गया था। मदरसा के शिक्षकों की मांग और छात्रों के लिए सभी सुविधाओं के लिए 43 करोड़ 8 लाख रुपये आवंटित किए गए थे। लेकिन दिशा-निर्देशों में यह उल्लेख नहीं किया गया था कि शिक्षकों को कितना वेतन दिया जाएगा। इसीलिए संगठन की ओर से आंदोलन जारी था।
अनएडेड मदरसा के शिक्षकों के लिए शुक्रवार को एक और आदेश जारी हुए हैं। इसमें इस बात का उल्लेख है कि शिक्षकों को कितना वेतन मिलेगा और छात्रों के लिए कितना धन आवंटित किया गया है। इसलिए आज मदरसे के शिक्षकों ने राज्यसभा के पूर्व सांसद अहमद हसन इमरान, प्रगतिशील युवा महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष सियामत अली और सिरत वेलफेयर एसोसिएशन के राज्य सचिव अबू सिद्दीकी खान की मौजूदगी में आंदोलन वापस ले लिया।
अहमद हसन इमरान ने कहा कि सरकार जो सम्मान दे रही है, वह पर्याप्त नहीं है। इसलिए आने वाले दिनों में इसे और बढ़ाने की मांग की जाएगी। संगठन के राज्य सचिव पलाश रम ने कहा, “हमारे दस साल के संघर्ष का अंत हो गया है। हमारी कुछ मांगों को पूरा किया गया है। हमें उम्मीद है कि राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देश बहुत जल्द लागू होंगे। हमें उम्मीद है कि शेष मांगों को आने वाले दिनों में बातचीत के जरिए हल किया जाएगा।