बंगाल ब्यूरो 

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में आसन्न विधानसभा चुनाव के दौरान सरकार गठन के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही भारतीय जनता पार्टी ने राज्य में सत्ता परिवर्तन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 20 जनसभाओं को प्रस्तावित किया है। पार्टी की प्रदेश इकाई सूत्रों ने बताया है कि पिछले 10 सालों के दौरान ममता बनर्जी के खिलाफ जबरदस्त एंटी इनकंबेंसी, भ्रष्टाचार, तुष्टीकरण और प्रशासनिक दुरुपयोग के खिलाफ लोगों के गुस्से को भाजपा भली भाती समझ रही है और इसलिए बंगाल में सत्ता परिवर्तन के साथ-साथ राज्य के चौमुखी विकास का आश्वासन दे रही है। भाजपा का सोनार बांग्ला अभियान इसी का हिस्सा है। अपनी हर एक जनसभा से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पश्चिम बंगाल के चौमुखी विकास का आश्वासन दिया है और नए बंगाल के निर्माण का वादा बंगाल के लोगों से किया है। अब चुनाव की तारीखों की घोषणा होने के बाद आगामी सात मार्च को कोलकाता के सबसे बड़े ब्रिगेड परेड मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली जनसभा होने जा रही है। उसके बाद और कम से कम 19 जनसभाएं राज्य भर में पीएम मोदी करने वाले हैं। इसके लिए प्रदेश भाजपा ने ऐसी रणनीति बनाई है कि पीएम राज्य की सभी 23 जिलों का दौरा कर सकें। दरअसल चुनाव की दहलीज पर खड़े पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री की जनसभाओं में जिस बड़े पैमाने पर लोगों की भीड़ उमड़ी है उसे देखते हुए भाजपा ने पीएम मोदी की ही अधिकतर जनसभाएं प्रस्तावित की है। बंगाल के साथ-साथ असम में भी प्रधानमंत्री की छह जनसभाओं को संबोधित करेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के करीबी माने जाने वाले भूपेंद्र यादव के नेतृत्व में सोमवार को ही भारतीय जनता पार्टी ने अहम रणनीतिक बैठक कोलकाता के एक पांच सितारा होटल में की है जिसमें इस निर्णय पर अंतिम मुहर लगी है। कोलकाता के बाद पीएम की जनसभाएं हावड़ा, हुगली, उत्तर और दक्षिण 24 परगना तथा राज्य के अन्य जिलों में प्रस्तावित की जाएंगी। मूल रूप से उत्तर बंगाल के हिस्सों में पीएम की जनसभा प्रस्तावित करने की तैयारी भाजपा कर रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री का चेहरा भाजपा की ओर से नहीं चुने जाने की वजह से प्रधानमंत्री ही मुख्य चेहरे के तौर पर प्रचार प्रसार करेंगे।

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