जदयू शुरू से ही कार्यकर्ताओं को सम्मान देते हुए आम लोगों के लिए करती रही है काम

नवराष्ट्र मीडिया ब्यूरो 
पटना, जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश अध्यक्ष माननीय श्री उमेश सिंह कुशवाहा ने आज कहा कि हमारी पार्टी शुरू से ही कार्यकर्ताओं को मान सम्मान देती आयी है। हमारी पार्टी के सर्वमान्य नेता माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार को बिहार की जनता ने जब से प्रदेश की सेवा करने हेतु जनादेश दिया। तब से उन्होंने बगैर किसी भेदभाव के सबके लिए काम किया सबको मान सम्मान दिया।
माननीय प्रदेश अध्यक्ष श्री उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि इसका सबसे ताजा उदाहरण है पार्टी के लिए समर्पित और उसकी नीतियों व सिद्धांतों के प्रति एक लम्बे समय तक बिना किसी चाहत के एक आम समर्पित कार्यकर्ता की तरह काम करने वाले श्री अनिल हेगड़े का राज्य सभा भेजा जाना। दूसरी ओर ए टू जेड की बात करने वाली पार्टियों का सब कुछ अपने परिवार तक ही सिमटा हुआ है, जहां कार्यकर्ताओं की उपेक्षा परिवार के निजी स्वार्थ में की जाती रही है। बड़ी-बड़ी बातें करनी एक अलग बात है, पर व्यवहारिक धरातल पर अपने सिद्धांतों पर अडिग रहना काफी कठिन है।
जबकि दूसरी कुछ पार्टियों की नीति और सिद्धांत एक परिवार तक सीमित है। उन्हें परिवार की व्यक्तिगत हित और स्वार्थ के अलावे कुछ नजर नहीं आता। वहां कार्यकर्ताओं का इस्तेमाल एक परिवार के लिए ही होता है। कभी भी परिवारवाद से ऊपर उठकर आम कार्यकर्ताओं के लिए सोचने की कोई गुंजाइश वहां नहीं। परिवार का स्वार्थ आड़े आते ही पुराने से पुराने समर्पित कार्यकर्ताओं को उपेक्षा ही झेलनी पड़ती है। उन दलों की राजनीति अभी भी अपने पुराने फार्मूले क (कत्ल), ख (खैरात), ग (गुंडई) घ (घोटाला) के इर्द-गिर्द ही रहना चाहती है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि दूसरी ओर जनता दल यूनाइटेड के सर्वमान्य नेता माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने पिछले 16 वर्षों में किसी को फसाने या बचाने का कार्य नहीं किया। उन्होंने कभी भी अपनी नीति और सिद्धांत से कोई समझौता नहीं किया। आज पूरे बिहार में सड़कों और पुल-पुलिओं का जाल बिछ चुका है। शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण आदि क्षेत्रों में हुए काम स्पष्ट नजर आते हैं। महिलाओं, पिछड़ी जाति, अति पिछड़ी जाति, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यकों सहित सभी वर्ग के लोगों के लिए समान रूप से काम किए जा रहे हैं। यही कारण है कि विगत 16 वर्षों में बिहार में शुरू की गई कई योजनाओं को दूसरे अन्य राज्यों ने अपनाया है।

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