स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में बिहार सरकार बिहार सबसे निचले पायदान पर
बदहाली का कारण बताने से स्वास्थ्य मंत्री, मुख्यमंत्री भी कतरा रहे है
नीति आयोग की तर्ज पर अब बिहार में जिलों की भी की जाएगी रैंकिंग
vishwapati
पटना। नीति आयोग ने बिहार सरकार के कामकाज की पोल खोल दी है । पिछले 17 साल से चल रहे एनडीए शासनकाल के तमाम कमजोरियों को उजागर कर दिया है। आयोग की ताजा रिपोर्ट में यह बात साबित हो गई है कि स्वास्थ्य सुविधाओं में बिहार बिल्कुल निचले पायदान पर है ।
इस रिपोर्ट के बाद पहले स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे बगले झांकने लगे और बिना पत्रकारों का जवाब दिए हुए निकल गए । आज गांधी जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री भी सवालों से कतरा गए और पत्रकारों से किनारा कर लिया।
इस मामले में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी मुख्यमंत्री और राज्य सरकार पर ट्वीट करके तंज कसा था । उन्होंने कहा था कि 16 साल की थकान परिश्रम के बाद भी बिहार नीचे से नंबर वन बना हुआ है। इसके लिए मुख्यमंत्री बधाई के पात्र हैं । डबल इंजन की सरकार और 39 सांसदों के बावजूद सरकार इतनी कमजोर क्यों है।
वैसे नीति आयोग की तर्ज पर अब बिहार में जिलों की भी रैंकिंग की जाएगी। 17 प्रमुख मानकों पर जिलों की स्थिति का मूल्यांकन किया जाएगा। सभी मानकों पर जिलों की क्या उपलब्धि रही है, इस पर उसकी रैंकिंग होगी।
ताकि राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न मानकों पर बिहार की उपलब्धियों को और बेहतर किया जा सके।
इसको लेकर योजना एवं विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखा है।
जिलाधिकारियों को कहा गया है कि लक्ष्य को लेकर जिला सूचकांक तैयार करायें। हर मानक में जिले की क्या उपलब्धि है, इसकी समीक्षा करें।
जिलों को लिखे पत्र में विभाग ने कहा है कि नीति आयोग के द्वारा सतत विकास लक्ष्य की मॉनिटरिंग के लिए राष्ट्रीय स्तर पर मानक तैयार किया है, जिसके आधार पर तुलनात्मक उपलब्धियों की समीक्षा की जाती है और राज्यों की रैंकिंग होती है। इसी आधार पर जिलों की भी रैंकिंग की जाएगी।
इसमें यह देखा जाएगा कि गरीबी उन्मूलन, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं, शुद्ध पेयजल आपूर्ति, निर्बाध बिजली की उपलब्धता, महिला सशक्तीकरण, पर्यावरण सुरक्षा आदि क्षेत्रों में जिलों की क्या उपलब्धि रही है। साथ ही मानकों पर उपलब्धि को और बेहतर किया जाएगा।
गरीबी का खात्मा, भुखमरी समाप्त करना, स्वस्थ्य जीवन सुनिश्चित करना, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, लैंगिंग समानता, सभी के लिए जल और स्वच्छता की उपलब्धता, सभी के लिए किफायती ऊर्जा, आर्थिक विकास और रोजगार, उद्योग का विस्तार, राज्यों के अंदर असामानता को कम करना, शहरों का बेहतर विकास, जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए र्कारवाई करना, सतत विकास के लिए शांतिपूर्ण और समावेशी समाज को बढ़ावा देना, सतत विकास के लिए वैश्विक भागीदारी को बढ़ाना। इन प्रमुख मानकों के अंदर भी बहुत सारे मानक हैं। हर मानक पर खरा उतरने का लक्ष्य है।