विजय शंकर
पटना : बिहार में सीएम नीतीश कुमार द्वारा बियाडा भूमि की लीज दरों में एमवीआर के आधार पर 80 % तक की छूट देने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी गई है। इस संबंध में जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व विधान पार्षद डॉ. रणबीर नंदन का कहना है कि यह नीति बिहार के कृषि उद्योग के लिए वरदान हैं। उन्होंने कहा कि बिहार एक कृषि आधारित प्रदेश है। ऐसे में यहां फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के लिए असीम संभावनाएं हैं। माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी ने बियाडा भूमि की लीज दरों में जो छूट दी है, उससे नए इन्वेस्टर्स का बिहार में इंडस्ट्री लगाने की दिशा में रूचि बढ़ेगी।
डॉ. नंदन ने कहा कि बिहार के लगभग 93.60 लाख हेक्टेयर भूमि में 79.46 लाख हेक्टेयर कृषि योग्य है। लगभग 74 प्रतिशत आबादी की आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है। राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में कृषि का करीब 19 प्रतिशत योगदान है। राज्य सरकार ने कृषि रोडमैप की पहल की है, जो तीसरे चरण तक पहुंच चुकी है। अब नई लीज नीति के कारण अधिक से अधिक फूड प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना हो सकेगी।
उन्होंने कहा कि बिहार में आलू, केला , मखाना, टमाटर, आम सहित अन्य फूड आइटम्स की पैदावार होती है। लेकिन पर्याप्त स्थानीय प्रोसेसिंग यूनिट के अभाव में फसल का एक बड़ा हिस्सा बरबाद भी हो जाता है। एसोचैम की रिपोर्ट से स्पष्ट है कि फसल और सब्जियों के नुकसान के मामले में बिहार दूसरे नंबर पर है। बिहार में सालाना लगभग 10,700 करोड़ रुपए से अधिक की फसल बरबाद हो जाती है। लेकिन जब अधिक से अधिक फूड प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना बिहार में होगी तो न फसल बरबाद होगी और न ही किसानों को नुकसान होगा।
डॉ. नंदन ने बताया कि सीएम नीतीश कुमार ने बियाडा भूमि के एमवीआर पर छूट के लिए 20 से 80 प्रतिशत तक की छूट का प्रावधान कर दिया है। अब इच्छुक इन्वेस्टर्स अपनी स्थिति के अनुरुप स्थान का चयन कर सकते हैं और फैसला ले सकते हैं कि वे कहां पर यूनिट की स्थापना करना चाहते हैं।