पटना. : विश्व पृथ्वी दिवस के मौके पर आगामी 22 अप्रैल को पटना के गांधी संग्रहालय में रमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित और गूंज के संस्थापक अंशु गुप्ता की आपदा आधारित चित्र-प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है. इस प्रदर्शनी में आपको पिछले तीस वर्षों के दौरान आयी आपदाओं को करीब से देखने का मौका मिलेगा. दरअसल अंशु गवाह रहे हैं देश भर में आई तमाम आपदाओं के। वो सबसे पहले आपदा प्रभावित इलाकों में पहुंचते हैं और अपने कैमरे के जरिए जमीनी हकीकत को कैद करते हैं. अंशु के इस यात्रा की शुरुआत वर्ष 1991 में हुई थी, जब वो भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC) में पढ़ाई कर रहे थे. तब से लेकर आज तक अंशु ने बहुत सारी आपदाओं को करीब से देखा है और उस पर काम किया है।
आगामी 22 अप्रैल से लेकर 24 अप्रैल तक चलने वाली ये प्रदर्शनी उनकी यात्रा, उनके आपदा के अनुभव, आपदाओं को लेकर भ्रांतियों और जमीनी हकीकत के साथ ही बहुत सारी कहानियों का संकलन है। इस प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य आम लोगों को आपदा से जुड़े अनुभव साझा कर जागरूक करना है। अक्सर लोगों के मन में धारणा होती है कि बाढ़ का पानी अगर घरों से निकल गया है तो उस इलाके में बाढ़ की समस्या खत्म हो गई, जबकि ऐसा नहीं होता है. कुछ लोगों के मिथक हैं कि आपदा प्रभावित लोगों को आप कुछ भी दे सकते हैं और वे उसे ग्रहण कर लेंगे जबकि ऐसा नहीं है. ये प्रदर्शनी इस तरह के बहुत सारी मिथकों और वास्तविकताओं से लोगों को रूबरू कराएगी.
पृथ्वी दिवस के इस ख़ास मौके पर ‘ अनुग्रह नारायण अध्ययन संस्थान ‘ के सभागार में “जलवायु परिवर्तन : एक सामाजिक आपदा” विषय पर परिचर्चा का भी आयोजन किया जा रहा है। इसमें अंशु गुप्ता भी शामिल होंगे. इस चर्चा में आपदा प्रबंधन के जानकार और रिटायर्ड आईएएस व्यास जी मिश्रा, भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के सचिव रहे सी.के. मिश्रा, बिहार के पूर्व डीजीपी के एस द्विवेदी, नदियों के जानकार दिनेश मिश्रा, ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजीव हंस के साथ ही कला व संस्कृति विभाग के सचिव दीपक आनंद भी हिस्सा लेंगे। जिनके विचारों से आमजन रूबरू हो सकेंगे. इस मौके पर गूंज की ओर से एक आपदा आधारित एक किताब का भी विमोचन किया जाएगा. ये कार्यक्रम सुबह 10.30 बजे से शुरू होगा और और दोपहर 1 बजे अंशु गुप्ता की चित्र प्रदर्शनी का विधिवत उद्घाटन गांधी संग्रहालय में किया जाएगा. जिसमें सभी अतिथिगण और उपस्थित लोग शामिल होंगे. 24 अप्रैल के दिन इस प्रदर्शनी का समापन किया जाएगा जिसके समापन समारोह में कुछ और विशिष्ट अतिथियों के शिरकत करने की संभावना है. पटना के गांधी संग्रहालय में आयोजित होने वाली ये चित्र प्रदर्शनी और ‘ अनुग्रह नारायण अध्ययन संस्थान ‘ के सभागार में “जलवायु परिवर्तन : एक सामाजिक आपदा” विषय पर परिचर्चा अपने आप में एक अलग तरह का कार्यक्रम होगा. जिसमें सभी वर्ग के लोग हिस्सा ले सकते हैं।
इस कार्यक्रम का आयोजन पानी रे पानी… अभियान और गूंज के मिले जुले प्रयास से किया जा रहा है.