विजय शंकर
पटना । राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने सवाल किया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को तीन नए कृषि कानून क्यों लेकर आई, किसानों ने इस तरह के किसी कानून की मांग तो की नहीं थी, फिर यह कानून क्यों । रालोसपा ने सरकार के उस दावे को भी भ्रामक बताया कि ये कानून कृषि सुधार से जुड़े हैं और ये दीर्घकालिक मांगों को पूरा करते हैं । देश भर में चल रहे किसान आंदोलन और किसान संगठनों के समर्थन में बिहार में पार्टी के किसान चौपाल में इन मुद्दों पर रालोसपा नेता और कार्यकर्ता बात कर रहे हैं और किसानों को केंद्र सरकार की बदनीयती को उजागर कर रहे हैं ।
राज्यव्यापी किसान चौपाल के पंद्रहवें दिन रालोसपा नेताओं ने कहा कि सरकार सिर्फ कारपोरेट घरानों के कल्याण में दिलचस्पी रखती है और यही वजह है कि इस तरह के काले कानून किसानों पर थोपे गए हैं । रालोसपा के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता फजल इमाम मल्लिक व प्रदेश महासचिव व प्रवक्ता धीरज सिंह कुशवाहा ने पार्टी कार्यालय में पत्रकारों को यह जानकारी दी । इस मौके पर पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश कुशवाहा, प्रधान महासचिव निर्मल कुशवाहा, प्रदेश महासचिव भुनेश्वर कुशवाहा व वीरेंद्र प्रसाद दांगी, युवा रालोसपा के अभियान समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभिषेक कुशवाहा, सीवान जिला अध्य़क्ष हेमंत कुशवाहा, संगठन सचिव विनोद कुमार पप्पू थे ।
पार्टी नेताओं ने कहा कि हम सरकार से पूछते हैं कि सरकार ने किन किसान संगठनों ने और किन किसानों ने सरकार से अपना भला करने की मांग की थी । सरकार बताए कि कौन से बिचौलिए को निकालने की बात वह कह रही है । रालोसपा नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार बिचौलियों की बात तो करती है लेकिन बिचौलियों को परिभाषित नहीं कर पा रही है । कौन है बिचौलियों जिसका उल्लेख सरकार कर रही है । रालोसपा ने आरोप लगाया कि दरअसल सरकार अपने पूंजीपति मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए पाखंड रच रही है ।
रालोसपा नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मन की बात तो कर लेते हैं लेकिन किसानों के मन की बात सुनने की उन्हें फुर्सत नहीं है । रालोसपा किसानों की मांगों के साथ खड़ी है और पार्टी तीन किसान विरोधी और कारपोरेट समर्थक बिलों को निरस्त करने और फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी की मांग का समर्थन करती है । किसान चौपाल 2 फरवरी से शुरू हुई है और 28 फरवरी तक लगाई जाएगा । रविवार को खगड़िया, पटना पूर्वी व पश्चिमी, वैशाली, मुजफ्फरपुर, अरवल, जहानाबाद, गोपालगंज, सीतामढ़ी, पश्चिमी व पूर्वी चंपारण सहित दूसरे जिलों में लगाई गई ।

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