पटना : दिल्ली में बैठकर बिहार की राजनीति करनें वाले, अब चलें हैं लोगों को ज़मीनी हक़ीक़त बतानें। राजद के नेतागण भूल गये हैं कि कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है और यहाँ किसी राज्य का प्रभारी अपनी बातों को तौल कर बोलता है। कांग्रेस एक समुद्र है जहां कई छोटे बड़े नदी नाले सब आकर मिलते, इससे कांग्रेस मैला नहीं होता।
राजद के हठधर्मिता के कारण आज गठबंधन संकट में है और इसकी पूरी ज़िम्मेवारी तेजस्वी जी के सलाहकारों को ही जाता है। लच्छेदार भाषा में बात कर कोई नेता नहीं बन जाता और ना ही किताबें पढ़कर इसके लिये संघर्ष में करना पड़ता है। भक्त चरणदास जी ना सिर्फ़ संघर्ष में तपकर निकले नेता है वरन बिहार में कांग्रेस को मजबूती प्रदान करनें के हर संभव प्रयास भी कर रहे। कांग्रेस की लड़ाई सिद्धांतों की लड़ाई है कुर्सी की नहीं ।
राजद को अपनें बड़बोले नेताओं पर नियंत्रण रखना चाहिये, कभी बेरोज़गार नेता कुछ बोल देते हैं।हम अपनें हक की लड़ाई तारापुर और कुशेश्वरस्थान में लड़ रहे और जीतनें के लिये लड़ रहे।
