बिमल चक्रवर्ती

धनबाद: नालसा के निर्देश पर वर्ष 22 के तिसरे नेशनल लोक अदालत का उद्घाटन शनिवार को धनबाद के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह डालसा के चेयरमैन राम शर्मा ने किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमारा संविधान हर लोगों को सामाजीक , आर्थिक एवं सस्ता सुलभ न्याय की गारंटी देता है। नेशनल लोक अदालत संविधान के परिकल्पना को पूरी करने के दिशा में एक कदम है। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि लोक अदालत में महीनों कोर्ट का चक्कर लगाने और पैसे की बर्बादी से बचा जा सकता है। इससे लोगों को मानसिक शांति भी मिलती है। इसके साथ ही प्रेम और सौहार्द आपस में फिर से बन जाता है। लोगों मे प्रेम, शाति, समृद्धि और समरसता बनी रहे, यही इस लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य है। उन्होने कहा कि लोक अदालत में किसी पक्ष की हार नहीं होती बल्कि दोनों पक्ष जीतकर जाते हैं क्योंकि इसमें विवादों का निपटारा पक्षकारों की रजामंदी से किया जाता है। उन्होंने कहा कि 23 नवम्बर 2013 से पूरे देश में नेशनल लोक अदालत का आयोजन हर तीन माह मे किया जा रहा है। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संजय कुमार सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत आम आदमी के हित के लिये लगाये जाते हैं। बिना प्रशासनिक सहयोग के हम समाज तक न्याय नहीं पहुंचा सकते। उन्होंने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से व्यापक पैमाने पर मुकदमों का निष्पादन किया जा रहा है। जिसमें समय की बचत के साथ-साथ वादकारियों को विभिन्न कानूनी पचड़ों से मुक्ति मिल रही है। अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कुलदीप मान ने कहा कि लोक अदालत में विवादों का तत्काल निपटारा होता है। उन्होंने कहा कि लोक अदालत एक ऐसा मंच है जहां तत्काल प्रभाव में मामला सेटेल हो जाता है और विवाद आगे नहीं बढ़ पाता। दोपहर 12 बजे तक 13 हजार 327 विवादों का निपटारा मुकदमो के निपटारे के लिए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के आदेश पर 18 बेंच का गठन किया गया था है जिनके द्वारा विभिन्न तरह के सुलहनीय विवादों का निपटारा किया जा रहा है। इस बाबत जानकारी देते हुए अवर न्यायाधीश सह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार नितासा बारला ने बताया कि 12:00 बजे तक 13 हजार 327 विवादों का निपटारा कर दिया गया है तथा अब तक 117 करोड़ 83 लाख 20 हजार 775 की रिकवरी की जा चुकी है, दिन ढलने के साथ यह आंकड़ा और बढ़ने की संभावना है। उन्होंने बताया कि मौके पर हमीदा खातून समेत चार लोगों को दस लाख रुपए का चेक का वितरण किया गया। उन्होंने आम लोगों से अपील की कि वह अपने विवादों का अधिक से अधिक निपटारा लोक अदालत के माध्यम से कराएं। उन्होंने बताया कि नेशनल लोक अदालत सुबह 10:30 बजे से शुरू हुई है जो 3:00 बजे तक चलेगी। मौजूद थे न्यायाधिश न्यायिक पदाधिकारियों में प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय तौफीकुल हसन, अपर प्रधान न्यायाधीश फैमिली कोर्ट प्रेमलता त्रिपाठी, जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमेश कुमार श्रीवास्तव, स्वयंभू, राजकुमार मिश्रा, लेबर जज नीरज कुमार श्रीवास्तव, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संजय कुमार सिंह, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कुलदीप, अवर न्यायाधीश, राजीव त्रिपाठी, प्रज्ञेश निगम, स्थाई लोक अदालत के चेयरमैन पियूष कुमार, शिवम चौरसिया, राकेश रोशन, अभिषेक श्रीवास्तव, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी, अंकित कुमार सिंह, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी रेलवे , मनोज कुमार इंदवार न्यायिक दंडाधिकारी जेजेबी , पंचम कुमार सिन्हा , अमर प्रसाद नीलाम पत्र पदाधिकारी, शिप्रा अध्यक्ष उपभोक्ता फोरम डालसा के पैनल अधिवक्ता, सोनिया कुमारी, सुधीर कुमार सिन्हा, संदीप कुमार, नीरज कुमार सिन्हा, जय राम मिश्रा, श्रीराम सिन्हा, संजीव कुमार पांडे, अनिरुद्ध सिंह, विनोद कुमार, तारक नाथ चौबे, जितेंद्र कुमार, जमशेद काजी, अरविंद कुमार सिन्हा, प्रीतम कुमार बंटी, नीरज कुमार, सुभाष चंद्रा, पंचानन सिंह डालसा सहायक , सौरव सरकार, अरुण कुमार, संजय सिन्हा, अनुराग पांडे, अक्षय कुमार, हेमराज चौहान ,चंदन कुमार, राजेश कुमार सिंह डीपेंटी गुप्ता, गीता कुमारी, समेत अन्य लोग उपस्थित थे। सचिव श्रीमती बारला ने नेशनल लोक अदालत में सफल आयोजन के लिए सभी वादकारी सिविल कोर्ट कर्मचारी धनबाद बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं और विभिन्न विभाग के अधिकारियों का आभार प्रकट किया।

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