बिमल चक्रवर्ती
धनबाद : जिले के गोविंदपुर स्थित झारखंड सैन्य पुलिस वाहिनी – 3 द्वारा आयोजित पारण परेड को मुख्य अतिथि के रूप में अपने संबोधन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज को बेहतर दिशा देना है, तो बेहतर व्यवस्था खड़ी करनी पड़ेगी। झारखंड सैन्य पुलिस की कई वाहिनियो में अच्छी व्यवस्था है तो कहीं व्यवस्था ठीक नहीं है। इस कारण अनेक जवानों ने कठिनाइयों के साथ प्रशिक्षण प्राप्त किया है। कई जगह संरचना की कमी है। इन समस्याओं को सरकार ने गंभीरता से लिया है । आगामी 2 वर्षों में सरकार राज्य के सभी पुलिस लाइनों और जैप मुख्यालय का व्यापक जीर्णोद्धार करेगी। सोमवार को झारखंड सैन्य पुलिस वाहिनी 3 द्वारा आयोजित पारण परेड को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे । उन्होंने कहा कि राज्य के अंदर विधि व्यवस्था, आपराधिक घटनाओं और महिला उत्पीड़न की घटनाओं को चुनौतीपूर्ण तरीके से लेते हुए पुलिस बेहतर कर रही है । उन्होंने कहा कि शांति एवं सौहार्द का वातावरण पुलिस की सक्रियता से ही कायम है । उन्होंने प्रशिक्षु जवानों से इमानदारी पूर्वक अपने कर्तव्य का निर्वाह करने करने की अपील की। उन्होंने कहा कि 2 वर्ष के प्रशिक्षण से निश्चित रूप से जवानों के आत्मबल और कार्यों की प्रति जवाबदेही बढ़ेगी। आने वाले समय में जो चुनौतियां आएगी, उसका सामना वे आसानी से कर सकेंगे ।
उन्होंने कहा कि उन चुनौतियों को कितनी सामना कर पाएंगे, यह जवानों पर भी निर्भर है । उन्होंने कहा कि मजबूती प्रदान करने के लिए ही बुनियादी प्रशिक्षण है और इस प्रशिक्षण से हटकर भी कार्यक्षेत्र में अजीबोगरीब समस्या से जूझना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि कूल 2445 जवान इस वर्ष तैयार हुए हैं और इनमें 1813 महिलाएं हैं । निश्चित रूप से पुलिस का काम जोखिम और चुनौतियों से भरा हुआ है और पुलिस बल में 30% महिलाओं की भागीदारी से महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि पुलिस बल में महिलाओं महिलाएं तेजी से आगे बढ़ रही हैं यह राज्य के लिए और पूरे देश के लिए सुखद संकेत है । उन्होंने सभी प्रशिक्षु जवानों को बधाई दी एवं कहा कि पूरी इमानदारी और तत्परता के साथ दायित्वों का निर्वाह करें । राज्य के पुलिस महानिदेशक नीरज सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पुलिस की अनवरत सेवा को देखते हुए उन्हें हर वर्ष 13 माह का वेतन दे रहे हैं और 2004 के बाद से नियुक्त पुलिस जवानों को पेंशन की भी सुविधा दी जा रही है। उन्होंने कहा कि धनबाद के भौरा ओपी प्रभारी हिमांशु कुमार जब कर्तव्य निर्वाह के दौरान घायल हो गए तो मुख्यमंत्री ने उन्हें विशेष एयर एंबुलेंस से दिल्ली भिजवाया और उनकी जान बचाई । उन्होंने कहा कि शस्त्रों के अलावा शास्त्रों का भी ज्ञान पुलिसकर्मियों को जरूरी है। इनमें कानून , मानव अधिकार, यातायात प्रबंधन और मूलभूत मूल्यों का ज्ञान भी प्रशिक्षण में लिया गया है ।
उन्होंने पुलिसकर्मियों से महिलाओं एवं बच्चों के प्रति नरम एवं संवेदनशील होने की अपील की । धन्यवाद ज्ञापन करते हुए वाहिनी के समादेष्टा प्रियदर्शी आलोक ने कहा कि इन जवानों को बेहतर प्रशिक्षण दिया गया है । उन्होंने यहां समय देने और जवानों का उत्साहवर्धन करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया । वाहिनी की ओर से मुख्यमंत्री, डीजीपी, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, एडीजीपी जैप प्रशांत सिंह आदि को शाल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। प्रमेंद्र सिंह, प्रतिमा सिंह एवं राजकुमार बेदिया को श्रेष्ठ प्रशिक्षु का पुरस्कार मुख्यमंत्री ने प्रदान किया। मुख्यमंत्री एवं डीजीपी की अच्छी तस्वीर बनाने के लिए उमेश कुमार महतो एवं सुखराम को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में धनबाद डीसी संदीप सिंह, जैप डीआईजी सुनील भास्कर , धनबाद एसएसपी संजीव कुमार, टुंडी विधायक मथुरा प्रसाद महतो, सिंदरी के पूर्व विधायक फूलचंद मंडल, गिरिडीह एसपी अमित रेणु आदि मंच पर मौजूद थे ।मुख्यमंत्री की सुरक्षा एवं आयोजन की व्यवस्था में ग्रामीण एसपी रेस्मा रमेशन, एसी नंदकिशोर गुप्ता, एसडीओ प्रेम कुमार तिवारी, डीपीआरओ उर्वशी पांडेय, डीएसपी अमर कुमार पांडेय, बीडीओ संतोष कुमार, सीओ रामजी वर्मा, पुलिस निरीक्षक उमेश प्रसाद सिंह आदि जुटे हुए थे।