प्रेम प्रकाश

सिंदरी-(धनबाद): उत्पादन अभियंत्रण विभाग, बीआईटी सिंदरी द्वारा आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला इमर्जिंग मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलाॅजी एण्ड स्ट्रेटजिज (ईएमटीएस) का आज समापन हुआ। समापन समारोह की शुरुआत विभागाध्यक्ष सह संयोजक प्रो. प्रकाश कुमार ने किया। तथा मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि स्मार्ट प्रौद्योगिकियां ही जटिल निर्माण प्रक्रियाओं को आसान बना सकती हैं। निदेशक प्रो. डीके सिंह ने कहा कि अपने धन्यवाद ज्ञापन में सभी एक्सपर्ट्स का आभार प्रकट किया। तथा कार्यशाला के समापन पर बताया कि डिजिटल तकनीक की मदद से ही हम नई ऊंचाइयों पर पहुंच सकते हैं।
समापन समारोह के मुख्य अतिथि एसीसी के प्लान्ट निदेशक एम.के. शर्मा ने
अपने वक्तव्य में कहा कि हमे पर्यावरण का संरक्षण करते हुए नई तकनीक को अपनाने की आवश्यकता है। इंडस्ट्री 4.0 ही आज के मैनुफैक्चरिंग क़ी माँग है। कार्यशाला में आईआईटी, एनआईटी व अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों और अनुसंधान संस्थानों के विशेषज्ञों ने विनिर्माण प्रौद्योगिकियों के कई उन्नत विषयों और विनिर्माण में एआई के लिए लेजर सामग्री प्रसंस्करण, आपूर्ति श्रृंखला में उद्योग 4.0 की भूमिका और आपूर्ति श्रृंखला में नवाचार, उन्नत वेल्डिंग प्रौद्योगिकियों की सामग्री से विनिर्माण के क्षेत्र में तकनीकि प्रवृत्तियों के उन्नयन के बारे में चर्चा की। प्रतिभागियों ने सीएएम के अनुकरण पर कैटिया-वी 5 पर हैन्ड्स ऑन ट्रैनिंग भी प्राप्त की।
इससे पहले टेक्निकल सेशन में डॉ. के के सिंह एसोसिएट प्रोफेसर मैकेनिकल इंजीनियरिंग, आईएसएम धनबाद ने उन्नत एफआरपी कंपोजिट के अध्ययन के प्रभाव पर प्रकाश डाला।
पेबैक, जर्मनी में उत्पाद प्रबंधक सृजन मनीष ने इंजीनियरिंग और उत्पाद परिभाषा की आवश्यकताओं पर बात की।
श्रीकांत अराध्याब विशेषज्ञ बॉश इंडिया लिमिटेड ने विनिर्माण में आईओटी के एकीकरण पर दिया। कार्यक्रम का संचालन समन्वयक डॉ. एस.एन. पांडा और सह-समन्वयक काशिफ काज़मी, आनंद कुमार, मुकेश चंद्र ने किया

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