बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण एवं विनियमन) अधिनियम, 2010 के तहत गठित जिला-स्तरीय कोचिंग निबंधन समिति की बैठक
विगत 10 दिनों में 508 कोचिंग संस्थानों की जाँच
नवराष्ट्र मीडिया ब्यूरो
पटना। जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में आज समाहरणालय स्थित सभागार में बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण एवं विनियमन) अधिनियम, 2010 के तहत गठित जिला-स्तरीय कोचिंग निबंधन समिति की बैठक हुई। इसमें वरीय पुलिस अधीक्षक, पटना श्री राजीव मिश्रा, जिला शिक्षा पदाधिकारी, पटना श्री संजय कुमार, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना शिक्षा), पटना श्री राजकमल एवं समिति के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।
जिलाधिकारी, पटना के निदेश पर विगत 10 दिनों में 508 कोचिंग संस्थानों की जाँच की गई है। सभी छः अनुमंडलों में अनुमंडल पदाधिकारी की अध्यक्षता में तथा पटना नगर निगम क्षेत्रान्तर्गत अपर जिला दण्डाधिकारी, आपदा प्रबंधन, पटना की अध्यक्षता में गठित टीम द्वारा सुरक्षा मानकों एवं बिल्डिंग बायलॉज का अनुपालन सहित अन्य बिन्दुओं पर जाँच की गई। जाँच प्रतिवेदन के आधार पर अग्रेतर कार्रवाई की जा रही है। अनुमंडल पदाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत कोचिंग संस्थानों के संचालन का अनुश्रवण करने का निदेश दिया गया है।
समिति के सदस्य-सचिव जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा एजेंडावार प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। समिति के सदस्यों के संज्ञान में लाया गया कि जिलान्तर्गत कोचिंग के निबंधन के लिए कुल 936 आवेदन प्राप्त हुआ था। इसमें से 413 आवेदनों का पूर्व में ही निष्पादन करते हुए 413 कोचिंग का निबंधन पहले हो चुका है। शेष 523 आवेदनों में 138 की जाँच की गई थी। जाँचोपरान्त इन 138 कोचिंग संस्थानों को निबंधन हेतु अयोग्य पाते हुए इन आवेदनों को अस्वीकृत कर दिया गया था। जिलाधिकारी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को इन 138 अस्वीकृत आवेदनों की सूची अनुमंडलवार अलग-अलग कर संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी को उपलब्ध कराने का निदेश दिया। अनुमंडल पदाधिकारियों को यह जाँच करने का निदेश दिया गया है कि निबंधन के लिए अयोग्य पाए गए इन 138 कोचिंग संस्थानों का अवैध ढ़ंग से संचालन तो नहीं हो रहा है। यदि अवैध ढ़ंग से संचालन हो रहा हो तो अनुमंडल पदाधिकारियों को विधि-सम्मत कार्रवाई करने का निदेश दिया गया।
जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा समिति के सदस्यों को अवगत कराया गया कि 523 आवेदनों में से शेष 385 आवेदनों की जाँच कराई जा रही है जिसमें 46 का जाँच प्रतिवेदन प्राप्त हुआ है। शेष 339 आवेदनों की जाँच प्रक्रियाधीन है। जिलाधिकारी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को इन लंबित आवेदनों की जाँच शीघ्र पूरा कर अग्रतर कार्रवाई हेतु निबंधन समिति की बैठक बुलाने का निदेश दिया। जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि जाँच प्रतिवेदन प्राप्त 46 आवेदनों में 14 कोचिंग संस्थान संचालित नहीं होने के कारण निबंधन हेतु अयोग्य पाया गया है। शेष 32 कोचिंग संस्थान के प्राप्त जाँच प्रतिवेदनों पर समिति द्वारा विमर्श किया गया तथा इन सभी 32 कोचिंग संस्थानों के निबंधन हेतु जिला शिक्षा पदाधिकारी के स्वीकृति के प्रस्ताव को अधिनियम के प्रावधानों के तहत समिति द्वारा अनुमोदित किया गया।
जिलाधिकारी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को प्रावधानों के अनुसार जिला-स्तरीय कोचिंग निबंधन समिति की नियमित तौर पर बैठक का आयोजन करने का निदेश दिया।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन, पटना द्वारा 07 टीम का गठन कर कोचिंग संस्थानों में सुरक्षात्मक मानकों के अनुपालन की जाँच कराई जा रही है। सभी अनुमंडलों में अनुमंडल पदाधिकारियों की अध्यक्षता में तथा पटना मुख्यालय के शहरी क्षेत्रों में अपर जिला दण्डाधिकारी (आपदा प्रबंधन), पटना की अध्यक्षता में टीम क्रियाशील है तथा समय-समय पर कोचिंग संस्थानों की जाँच कर रही है। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रशासन के लिए विद्यार्थियों की सुरक्षा सर्वोपरि है। यह सभी स्टेकहोल्डर्स यथा कोचिंग संचालकों, प्रशासन तथा अभिभावकों की सम्मिलित जिम्मेदारी है। कोचिंग के संचालन में सुरक्षा मानकों का अक्षरशः अनुपालन अनिवार्य है। बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण एवं विनियमन) अधिनियम, 2010 के प्रावधानों के अनुसार कोचिंग का संचालन किया जाए।
जिलाधिकारी ने कहा कि बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण एवं विनियमन) अधिनियम के तहत कोचिंग संस्थानों की स्थापना, निबंधन एवं संचालन के लिए विस्तृत दिशा-निदेश दिया गया है। इसके अनुसार *अन्य बिन्दुओं के साथ निम्मलिखित तीन मानकों पर समुचित ध्यान देना* अनिवार्य है।
(1) कोई भी कोचिंग संस्थान बिना वैध निबंधन प्रमाण-पत्र प्राप्त किए न तो स्थापित किया जाएगा और न चलाया जाएगा। कोचिंग संस्था की आधारभूत संरचना के अधीन वर्ग कक्ष का न्यूनतम क्षेत्र प्रति छात्र न्यूनतम 1 वर्ग मीटर होगा।
(2) वर्ग कक्ष में *प्रवेश एवं निकास अवरोधमुक्त* होना चाहिए। बिल्डिंग बायलॉज का अनुपालन सुनिश्चित होना चाहिए।
(3) अग्नि सुरक्षा के मानकों का अनुपालन सुनिश्चित होना चाहिए।
जिलाधिकारी ने कहा कि *उपर्युक्त तीन मानकों का उल्लंघन किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है*। पदाधिकारियों की टीम द्वारा जाँच में जिन-जिन कोचिंग संस्थानों में कमियां पायी गई है उन संस्थानों के संचालकों/प्रबंधकों को इस आशय का नोटिस दिया जा रहा है कि अधिनियम के प्रावधानों के तहत क्यों नहीं उनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्रवाई की जाए। नोटिस प्राप्ति केे साथ उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए दो सप्ताह का समय दिया जा रहा है। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी कोचिंग संस्थान अधिनियम के प्रावधानों का अक्षरशः अनुपालन करे। कमियों को तुरत दूर करे। सुरक्षात्मक मानकों से कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण एवं विनियमन) अधिनियम, 2010 की धारा 6 (2) में दंड का प्रावधान किया गया है। अधिनियम के किसी प्रावधान का उल्लंघन करने पर प्रथम अपराध के लिए 25,000/- (पच्चीस हजार) रूपये तथा द्वितीय अपराध के लिए 1,00,000/-(एक लाख) रूपये के दंड का प्रावधान है। द्वितीय अपराध के बाद निबंधन रद्द किए जाने का भी प्रावधान है।
जिलाधिकारी ने कहा कि कुछ दिन पूर्व कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की गई थी तथा उनका पक्ष भी सुना गया था। उनकी माँग के अनुसार उन्हें समय दिया गया है। कोचिंग संस्थानों का संचालन मानक प्रक्रिया के अनुसार सुनिश्चित की जाए। विद्यार्थियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।