डीएम ने की राजस्व मामलों की समीक्षा
दाखिल-खारिज एवं परिमार्जन में प्राप्त आवेदनों का ससमय एवं गुणवत्तापूर्ण निष्पादन करने का डीएम ने दिया निदेश
विजय शंकर
पटना : समाहर्ता-सह-जिला पदाधिकारी, पटना शीर्षत कपिल अशोक द्वारा आज राजस्व मामलों की समीक्षा की गई। उन्होंने ई-म्यूटेशन, परिमार्जन, भू-अर्जन, भूमि विवाद निराकरण, अतिक्रमण हटाने, नापीवाद, सीमांकन सहित विभिन्न मामलों में अद्यतन प्रगति का जायजा लिया।
डीएम ने खारिज-दाखिल एवं परिमार्जन में आवेदनों के निष्पादन की स्थिति, मामलों के लंबित रहने के कारण एवं अन्य मानकों पर गहन समीक्षा की।
आज की समीक्षा में पाया गया कि दिनांक 09 मार्च, 2024 तक दाखिल-खारिज के 7,57,967 आवेदनों को निष्पादित किया गया है। यह प्राप्त आवेदनों 8,38,632 का 90.38 प्रतिशत है। अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुए डीएम ने पाया कि दिनांक 01 मार्च, 2024 से 09 मार्च, 2024 तक पूरे जिले में दाखिल-खारिज के निष्पादित वादों की संख्या 2215 है। डीएम ने शेष सभी आवेदनों का ससमय एवं गुणवत्तापूर्ण निष्पादन करने का आदेश दिया। दिनांक 01 मार्च, 2024 से 09 मार्च, 2024 तक दाखिल-खारिज के निष्पादन के मामले में बाढ़, अथमलगोला, मनेर, दनियावाँ एवं फुलवारीशरीफ ने अच्छी प्रगति की है जबकि खुशरूपुर, नौबतपुर, मसौढ़ी, बिक्रम एवं फतुहा का खराब प्रदर्शन रहा है।
जिले में 63 दिनों से अधिक लंबित दाखिल-खारिज के मामलों की समीक्षा की गई। इस मानक पर फुलवारी शरीफ में 4,889 मामले, पटना सदर में 3,992 मामले, दानापुर में 3,433 मामले, बिहटा में 3,428 मामले एवं सम्पतचक में 3,128 मामले लंबित है जो काफी अधिक है। डीएम ने इसपर गंभीर खेद व्यक्त करते हुए दाखिल-खारिज में खराब प्रदर्शन करने वाले अंचलों के अंचलाधिकारियों को स्थिति में तुरत सुधार लाने का निदेश दिया। अपेक्षाकृत कम लंबित मामलों वाले अंचलों में घोसवरी में 124 मामले, बेलछी में 140 मामले, दनियावाँ में 141 मामले, मोकामा में 156 मामले तथा खुशरूपुर में 248 मामले लंबित है। जिलाधिकारी ने कहा कि हर अंचल में दाखिल-खारिज का लंबित मामला शून्य रहना चाहिए।
डीएम ने अपर समाहर्ता को दाखिल-खारिज के 75 दिन से अधिक लंबित मामलों को अविलंब निष्पादित कराने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग के प्रावधानों के अनुसार निर्धारित समय सीमा के अंदर दाखिल-खारिज नहीं करने वाले दोषी अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
समीक्षा में पाया गया कि दिनांक 09 मार्च, 2024 तक परिमार्जन के 2,72,060 आवेदनों (95.94 प्रतिशत) को निष्पादित किया गया। डीएम ने शेष सभी आवेदनों का ससमय एवं गुणवत्तापूर्ण निष्पादन करने का आदेश दिया।
दिनांक 09 मार्च, 2024 तक परिमार्जन हेतु प्राप्त आवेदनों की निष्पादन की समीक्षा में पाया गया कि बिहटा (91.87 प्रतिशत निष्पादन), पटना सदर (92.54 प्रतिशत निष्पादन), सम्पतचक (92.88 प्रतिशत निष्पादन), पुनपुन (92.95 प्रतिशत निष्पादन) एवं मसौढ़ी (94.57 प्रतिशत निष्पादन) अपेक्षाकृत कम अच्छा प्रदर्शन करने वाले अंचलों में शामिल है। इस मामले में बेलछी (99.59 प्रतिशत निष्पादन), घोसवरी (99.02 प्रतिशत निष्पादन), मनेर (99.01 प्रतिशत निष्पादन), पालीगंज (99.01 प्रतिशत निष्पादन) एवं बख्तियारपुर (99.01 प्रतिशत निष्पादन) ने अच्छा प्रदर्शन किया है, सभी का निष्पादन प्रतिशत 99 से अधिक है।
जिलाधिकारी ने कहा कि विभिन्न माध्यमों यथा समाचार पत्रों, इलेक्ट्रॉनिक चैनल्स, लोक शिकायत एवं जनता से साक्षात्कार के क्रम में यह पता चलता है कि दाखिल-खारिज आवेदनों का ससमय निष्पादन नहीं किया जाता है एवं बिना उचित कारण के आवेदनों को अस्वीकृत कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि यह बहुत आपत्तिजनक है। बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम, 2011 एवं बिहार भूमि दाखिल खारिज अधिनियम, 2011 में दाखिल खारिज आवेदनों के निष्पादन की अवधि एवं विधि का स्पष्ट उल्लेख किया गया है। डीएम ने ऑनलाइन दाखिल खारिज की प्रक्रिया को निष्पादित करने में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा निर्धारित नियमों का दृढ़ता से अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
जिलाधिकारी ने कहा कि खारिज-दाखिल एवं परिमार्जन में शिथिलता, लापरवाही या अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विभिन्न मानकों पर खराब प्रदर्शन करने वाले अंचलाधिकारी/राजस्व अधिकारी 07 दिन में अपेक्षित सुधार ले आएँ। उन्होंने कहा कि अच्छे प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को प्रशस्ति-पत्र दिया जाएगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि बिहार लोक सेवा का अधिकार अधिनियम, 2011 के तहत समयपार (एक्सपायर्ड) आवेदनों की संख्या हर हाल में शून्य रहनी चाहिए।
जिलाधिकारी ने भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र, नापीवाद, सार्वजनिक भूमि पर से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई, भूमि विवाद निराकरण के लंबित मामलों का त्वरित गति से निष्पादन करने का निर्देश दिया।
जिलाधिकारी ने कहा कि सभी अंचलाधिकारी राजस्व कर्मचारीवार नियमित समीक्षा करें। साथ ही सभी भूमि-सुधार उप समाहर्ता अंचलाधिकारियों के कार्यों का लगातार अनुश्रवण करें।
जिलाधिकारी ने राजस्व-कार्यों में संलग्न अधिकारियों को प्रतिबद्धता एवं तत्परता से कार्य करने का निर्देश दिया।
जूम के माध्यम से आयोजित आज के इस बैठक में समाहर्ता के साथ अपर समाहर्ता, सभी भूमि सुधार उप समाहर्ता, सभी अंचलों के अंचलाधिकारी एवं अन्य भी उपस्थित थे।