विजय शंकर

पटना, 16 अक्टूबर। आयुक्त, पटना प्रमंडल, पटना मयंक वरवड़े ने अधिकारियों को नीलाम पत्र वादों का त्वरित गति से निष्पादन करने का निदेश दिया है। वे आज आयुक्त कार्यालय स्थित सभाकक्ष में इस विषय पर आयोजित प्रमंडल-स्तरीय एक बैठक में पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित इस बैठक में जिलों के समाहर्त्ता, अपर समाहर्त्ता, प्रभारी पदाधिकारी नीलाम पत्र शाखा एवं अन्य उपस्थित थे।

आयुक्त द्वारा सभी छः जिलों में नीलाम पत्र वाद में प्रगति की समीक्षा की गई तथा अद्यतन स्थिति का जायजा लिया गया। उन्होंने कहा कि नीलाम पत्र वादों में सरकार के विभागों, बैंकों तथा अन्य एजेंसियों की बड़ी राशि निहित है। यह चिंताजनक है। प्रमंडलीय आयुक्त ने सभी समाहर्त्ताओं को निदेश दिया कि अपर समाहर्त्ता के स्तर के वरीय पदाधिकारी को अपने-अपने जिला में नीलाम पत्र का नोडल पदाधिकारी नियुक्त करें। वादों के निष्पादन में प्रगति की नियमित समीक्षा करें। विभिन्न सरकारी विभागों, राष्ट्रीय बैंकों, सहकारी बैंकों एवं सरकारी लोक उपक्रमों के लंबित नीलाम पत्र वादों का तेजी से निपटारा कराएँ। जिले में पदस्थापित पदाधिकारियों में सर्टिफिकेट वादों का विवेकसम्यक समानुपातिक रूप से वितरण किया जाए ताकि उसका निष्पादन त्वरित गति से हो सके। आवश्यकतानुसार नीलाम पत्र वाद के कोर्ट की संख्या बढ़ाने हेतु वरीय उप समाहर्त्ता स्तर के अन्य पदाधिकारियों को कार्यहित में नीलाम पत्र पदाधिकारी की शक्ति प्रदान करने के लिए प्रस्ताव दें। नीलाम पत्र से संबंधित पदाधिकारियों को विधिवत प्रशिक्षण दिया जाए।

प्रमंडलीय आयुक्त द्वारा नीलाम पत्र की शक्ति प्राप्त पदाधिकारियों को सप्ताह में कम-से-कम दो दिन निश्चित रूप से कोर्ट कर वादों का तीव्र गति से नियमानुसार निष्पादन करने का निदेश दिया गया। उन्होंने कहा कि पुराने वादों में नोटिस भेजने के पश्चात भी देनदार द्वारा राशि जमा नहीं किए जाने पर राजस्व की वसूली हेतु बॉडी वारंट एवं डिस्ट्रेस वारंट निर्गत किया जाए। वारंट का विधिवत तामिला कराया जाए। स्थानीय थाना का सहयोग लिया जाए। बॉडी वारंट तथा डिस्ट्रेस वारंट लंबित नहीं रहना चाहिए। बकायेदारों से राशि की शत-प्रतिशत वसूली की जाए।

प्रमंडलीय आयुक्त ने कहा कि उनके स्तर से प्रमंडल अन्तर्गत सभी जिलों में नीलाम पत्र वादों के निष्पादन में प्रगति की नियमित समीक्षा की जाएगी। निष्पादन में किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि इन वादों का ससमय निष्पादन प्रशासनिक व्यवस्था की संवेदनशीलता एवं कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए आवश्यक है। संबंधित पदाधिकारीगण इसके प्रति सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहें।

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