राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन के उपाध्यक्ष ए के झा ने प्रेस कांफ्रेस कर लगाया केंद्र पर आरोप
रांची ब्यूरो
रांची : राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन के उपाध्यक्ष ए के झा ने आज यहां प्रेस को बताया की वर्तमान भाजपा सरकार के 7 वर्ष के कार्यकाल में सिर्फ इस दो-तीन महीने के दरमियान भारतवर्ष की आर्थिक स्थिति पूरी तरह से डगमगा गई है। बेरोजगारी बढ़ गया है । महंगाई बढ़ गई है। भ्रष्टाचार बढ़ गया है। बैंकों में जमा राशि को निकालकर मजदूर ,किसान नौजवान को अपना परिवार किसी तरह पालना पड़ रहा है। लोगों में त्राहिमाम है।
श्री झा ने कहा कि वर्तमान भाजपा सरकार ने कारपोरेट टैक्स को कोरोणा महा संक्रमण के दौरान लगभग 20% घटाने का काम किया लेकिन कारपोरेट जगत के लोगों ने मार्केट में मजदूरों के काम के लिए अपनी पूंजी को विनिवेश नहीं किया जिससे रोजगार के अवसर नहीं बढे। देश के इस संकट में गरीब मजदूर किसानों ने सरकार का साथ दिया ।सरकार के खजाने में पैसे दिए। जो सरकारी नौकरी में है, जो इनकम टैक्स अदा करते हैं उनका इनकम टैक्स की राशि पहली बार आजादी के बाद इस संकट के समय में भारत के खजाने को चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही है जबकि कारपोरेट जगत से पूंजी पतियों के पैसे अपने देश के विकास के लिए, मजदूरों के हित में इस संकट को टालने के लिए, मुद्रा स्थिति को मजबूत करने के लिए, उतनी टैक्स की राशि अदा नहीं की जिससे सरकार के खजाने को एक बड़ी ताकत मिले और देश की आर्थिक स्थिति स्थिरता से आगे बढ़ सके।
श्री झा ने कहा कोरोणा महा संक्रमण के दौरान लगभग साढे 3 करोड़ लोग मिडिल क्लास से गरीबी रेखा से नीचे आ गए हैं। सरकार के आंकड़े के मुताबिक शहरों में 20% बेरोजगारी बढ़ी है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी लगभग 15 से 18% बेरोजगारी बढ़ी है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया इस बात की सार्वजनिक घोषणा कर रहा है कि देश में बैंकों में जमा पूंजी जो गरीब लोगों का ,आम जनता का है वह पूंजी निकालने के लिए विवश हो गया है। क्योंकि उसको अपने परिवार पालने के लिए कोई रास्ता नहीं बचा है ।देश संकट से पहली बार गुजर रहा है ।हमें अपनी अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए अपने रास्ते धन्ना सेठों से बदलकर गरीब लोगों के हित में गरीब मजदूर किसानों के हाथ में सीधे पैसा देना होगा ।हमने मजदूरों के हाथ में ना तो पैसा दिया ना तो काम दिया ना उन्हें काम का अवसर दिया। लाखों फैक्ट्रियां बंद हो गई ।सैकड़ों पब्लिक सेक्टर आर्थिक संकट से गुजरने लगा। लगभग 40-50 पब्लिक सेक्टर को जो लाभ की स्थिति में था जो देश को आर्थिक संकट में मदद करता था हमने पूंजी पतियों के नीति के साजिश का शिकार होकर उसको बेच डालने का काम किया। हमने माटी के भाव पब्लिक सेक्टर को बेचने का काम किया। जबकि यह पब्लिक सेक्टर देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करता है ।रोजगार के अवसर बढ़ाता है ।आम मजदूरों किसानों के हाथ में सीधे पैसा देने का काम करता है।
श्री झा ने कहा राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन के अध्यक्ष कुमार जय मंगल (अनूप सिंह )विधायक ने इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री रेड्डी जी ने मजदूरों की समस्याओं पर सरकार के सामने मजबूती से अपना पक्ष रखा है। किसानों मजदूरों के हित में सरकार को निर्णय लेने का अपील किया है। हमारे नेता राहुल गांधी ने भी लगातार सरकार को इस बात से आगाह किया कि देश मे किसान मजदूरों की बड़ी भूमिका होती है। किसानों का सम्मान किया जाए। मजदूरों को रोजगार दिया जाए। शिक्षित पढ़े-लिखे नौजवानों को रोजी-रोटी दिया जाए। देश तभी खुशहाल हो सकता है। लेकिन वर्तमान भाजपा सरकार ने रोजगार के अवसर बढ़ाने का कहीं से कोई ईमानदार प्रयास नहीं किया है। जितनी ताकत पूंजी पतियों के मदद के लिए हमारी सरकार ने लगाया अगर यह ताकत आम मजदूरों किसानों के हित में लगती तो हिंदुस्तान आज दुनिया के शीर्ष देशों में आर्थिक रूप से मजबूत होता। विपरीत परिस्थिति में भी देश को मजबूती से संभालने का काम करता लेकिन हमारी सोच पहली बार आजादी के बाद चंद पूंजीपतियों के हित में ज्यादा चला गया जो देश को बड़ा नुकसान पहुंचा रहा है।
श्री झा ने कहा डॉ मनमोहन सिंह की सरकार ने कांग्रेसी नेत्री श्रीमती सोनिया गांधी के विशेष आग्रह पर किसानों के कर्ज माफ किए थे। मनरेगा कार्यक्रम चलाकर लोगों को रायट आफ जॉब का अधिकार मौलिक रूप से दिया था जिसको पूरी दुनिया ने सराहा था ।आज इस देश को बचाने के लिए मजदूरों और किसानों के परिवार को बचाने के लिए किसानों के आंदोलन का समर्थन करना होगा। उनकी आवाज को सुनना होगा। उनके हक को देना होगा। तीनों काले कानून को वापस करना होगा। मजदूरों को मनरेगा के तहत काम देना होगा। उसके लिए पूंजी व्यवस्था करनी होगी। बेरोजगार नौजवानों को हेमंत सरकार की तरह कम से कम ₹5000 प्रतिमाह लगातार बेरोजगार भत्ता के रूप में तब तक देना होगा जब तक हमारी सरकार शिक्षित बेरोजगार नौजवानों को रोजगार का अवसर मुहैया नहीं करती है ।सरकारी संस्थानों में अधिकारियों और कर्मचारियों की जगह खाली है लेकिन उसको भरने का ताकत इच्छाशक्ति और नियत तथा निती वर्तमान भाजपा सरकार की नहीं है। आज लोग दाने-दाने के लिए तरस रहे हैं ।सारे स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई है।हिंदुस्तान के ऋषि मुनियों की ताकत है और उनके तपस्या के बल पर यह देश विपरीत परिस्थिति में भी लोगों के आत्मबल को बनाए रखा है ।वर्तमान भाजपा सरकार को इस पर चिंतन करना चाहिए और देश के प्रसिद्ध अर्थशास्त्रियों से देश के विद्वानों से देश के समाज शास्त्रियों से खुले दिल से बात करके किसान समस्या मजदूर समस्या और देश की अर्थव्यवस्था की सुधारने की सोच कर रास्ता तय करना चाहिए। लोगों की आवाज दबाने से देश खुशहाल नहीं हो सकता ।हमें गरीबों की आवाज को सुनना चाहिए। इंटक कल 26 जून को देश के किसानों देश के मजदूरों देश के नौजवानों की आवाज को मजबूती देने के लिए राहुल गांधी के निर्देश पर डॉ मनमोहन सिंह के कदमों पर चलकर देश को नया आयाम देने के लिए देश के किसानों को न्याय दिलाने के लिए मजदूरों को खुशहाली देने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूर प्रतिरोध दिवस के रूप में किसान मजदूरों की आवाज को जन जागरण संगोष्ठी करके आगे बढ़ाना चाहता है ताकि देश की शक्ति बढे। देश मजबूत हो और सरकार उनकी आवाज को सुनें। मजदूरों और किसानों की आवाज को दबाकर ना कोई देश खुशहाल रहा है ना खुशहाल रहेगा। सरकार अपनी जिम्मेवारी महंगाई को रोकने में बेरोजगारी को समाप्त करने में तमाम राजनीतिक दलों से तमाम श्रमिक संगठनों से तमाम समाजिक संस्थाओं से खुले दिल से बात करके इस मामले का हल करें ताकि भारत का झंडा, खुशहाली का झंडा दुनिया के सामने मजबूती से लहराता रहे।