श्याम किशोर

महाबोधि सांस्कृतिक सेंटर का उद्घाटन मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संबोधित करते हुए कहा कि इस सेंटर का शिलान्यास बीते वर्ष 2018 को अक्टूबर माह में किया गया था। वर्ष 2020 तक इसका निर्माण का पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था परंतु कोरोना वायरस को लेकर निर्माण कार्य में विलंब हुआ है। उन्होंने कहा कि बोधगया काफी महत्वपूर्ण स्थल है सभी जगहों से बिहार में जितने पर्यटक आते हैं उनमें से सबसे अधिक संख्या गया और बोधगया का भ्रमण करने वाले पर्यटको की होती है ।विदेशों और देश के अन्य राज्यों से फ्लाइट के माध्यम से जो पर्यटक बिहार के महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण करने आते हैं जिनकी आस्था भगवान बुद्ध के प्रति है वह भ्रमण कर जल्द वापस चले जाते हैं इसे ध्यान में रखते हुए महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र के ठीक बगल में 100 कैमरे का विशिष्ट अतिथि गृह का भी निर्माण किया जा रहा है, ताकि बाहर से आने वाले पर्यटक पूरी सहूलियत के साथ यहां ठहर सकेंगे ।

महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र काफी अच्छे ढंग से बनाया गया है सबसे पहले राजगीर में अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर बनवाया है जिसको देख लोगों ने काफी प्रशंसा किया है। केंद्र से भी लोग आकर उसमें मीटिंग करते हैं पटना में भी सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र बना हुआ है लेकिन महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र सबसे बेहतर बना है। कोई भी चाहे तो यहां आकर मीटिंग कर सकते हैं इस सेंटर में सभी प्रकार की सुविधा उपलब्ध हैं। इस सेंटर में भोजन करने का भी इंतजाम किया गया है। मुख्यमंत्री श्री कुमार ने कहा कि हम लोगों के द्वारा इससे पहले महाबोधि कन्वेंशन केंद्र के नाम से नामा करण करने का निर्णय लिया गया था परंतु इसका नामाकरन महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र रखा गया है ।वहीं उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र के बगल में स्टेट गेस्ट हाउस का निर्माण हो रहा है जिसका अप्रोच पथ का काम इसी वर्ष माह दिसंबर तक पूरा कर ले। इस सेंटर के बन जाने से पर्यटकों की संख्या में और अधिक इजाफा होगा ।

उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस से पहले वर्ष 2019 तक बिहार आने वाले पर्यटकों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है ।गया, बोधगया नवादा और राजगीर में जल संकट को दूर करने के लिए हम लोग गंगाजल पहुंचा रहे हैं इसी साल इस काम को भी पूरा करना है। कपड़ा धोने से लेकर नहाने तक हर काम में लोग इसका इस्तेमाल कर सकेंगे ।इससे लोगों की भूजल पर निर्भरता और जल संकट की समस्या भी दूर होगी। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति बोधगया में ही हुई थी यह बहुत ही पवित्र भूमि है सभी के घरों तक गंगा के शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सालों भर की जाएगी ।लोगों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए एक एक काम कर रहे हैं ताकि किसी को किसी प्रकार की परेशानी ना हो ।गया ज्ञान और मोक्ष की भूमि है। प्रतिवर्ष यहां लाखों की संख्या में लोग आते हैं यहां की नदी में पानी खत्म होने से लोगों की काफी कठिनाई होती थी जिसको ध्यान में रखते हुए यहां एक रब्बर डैम का निर्माण किया जा रहा है ताकि 12 महीने पानी उपलब्ध रह सके। इसके लिए 266 करोड रुपए की योजना बनाकर काम किया जा रहा है। काफी पहले से हमारे मन में यह बात थी कि गया बोधगया नवादा और राजगीर में जल संकट की समस्या को दूर किया जाए इन 4 जगहों पर गंगा जल की आपूर्ति करने के लिए काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। वर्ष 2019 में जल जीवन हरियाली अभियान की शुरुआत की गई थी गंगा जल की आपूर्ति उसी अभियान का एक हिस्सा है। 4175 करोड़ रुपए की लागत से इन 4 जगहों पर गंगाजल पहुंचाने की दिशा में काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन प्रति व्यक्ति 135 लीटर गंगा का जल सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री कुमार ने संबोधित करते हुए कहा कि पहले स्वयं सहायता समूह की संख्या कम थी हम लोगों को जब मौका मिला तो स्वयं सहायता समूह की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया और उसका नाम जीविका रखा, जिसे केंद्र ने अपनाते हुए इसका नामाकरण आजिविका किया।वही महिलाओं की मांग पर शराबबंदी लागू की गई ।बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ भी अभियान चलाया जा रहा है ।समाज में माहौल ठीक रहे इसके लिए सभी को मिलकर प्रयास करना चाहिए। बिहार में महिलाओं को सक्रिय होने से घर में आमदनी भी बढ़ रही है। उद्घाटन समारोह को उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद ,उद्योग मंत्री सह गया जिला प्रभारी मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ,भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, खान एवं भूतत्व मंत्री जनक राम, पूर्व मंत्री सह विधायक डॉ प्रेम कुमार, सांसद विजय कुमार, विधायक कुमार सर्वजीत, प्रधान सचिव पर्यटन संतोष कुमार मल्ल ,सचिव भवन निर्माण कुमार रवि ने भी उपस्थित जनसभा को संबोधित किया।

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