विजय शंकर
पटना । बिहार में कोविड-19 की जो स्थिति है और जिस तरह भयावहता से फैलता जा रहा है उससे यह जरुरी था कि पूरे बिहार में सरकार कम से कम 15 दिन का लॉक डाउन लागू करे । आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सहजानंद सिंह ने दो सप्ताह पूर्व ही मजबूती से इसकी मांग सरकार से की थी और कहा था कि नेशनल आईएमए का यही मानना है और बिहार राज्य आईएमए का भी मिलता-जुलता विचार है । इसी क्रम में बिहार के तमाम तकनीकी संस्थान और इंस्टीच्यूशन और उनके एक्सपर्ट से बात की गयी तो सबों ने लॉक डाउन को परिस्थिति के अनुकूल बताया था । आईएमए बिहार सरकार द्वारा लिए गए लॉक डाउन के फासले की सराहना की है और कहा है कि यह परिस्थिति की मांग थी ।
आईजीआईएमएस के डायरेक्टर डॉ एन आर विश्वास ने कल कहा था कि इसमें विलंब हो रहा है और परिस्थितियां जैसी हैं उसमें सरकार को तुरंत कम से कम दो सप्ताह का लॉक डाउन लगाना चाहिए । एम्स डायरेक्टर डा पी के सिंह का भी कहना था कि ये बिल्कुल जरूरी है, बिना इसके हम इस युद्ध को नही जीत सकते हैं । पीएमसीएच के प्रिंसिपल डा विद्यापति चौधरी का कहना है कि लेट हो रहा है और अभी जो भी कड़ाई सरकार की है उसका फायदा मिल रहा । अगर पहले लॉक डाउन लगा दिया जाता है तो इसका बहुत फायदा होता । एनएमसीएच के सुपरिटेडेंट डा बिनोद कुमार सिंह भी लॉक डाउन की तुंरत मांग कर रहे थे और सरकार को इस मांग को पूरा करने के लिए अब साधुवाद भी दिया है । बिहटा के नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज के सुपरीटेन्डेंट डॉ उदय कुमार ने भी कहा कि लॉक डाउन होना बहुत जरूरी है अन्यथा ये डॉक्टर कम्युनिटी भी इससे प्रभावित हो रहा है और हो सकता है कि इलाज के लिए डॉक्टर ही ना बचे । सरकार द्वारा लिए गए लॉक डाउन के फासले की सराहना करते हुए आईएमए ने कहा कि सरकार के इस निर्णय पर तकनीकी लोगों की भी सहमति रही है कि लॉक डाउन होना चाहिए चाहे वो कम दिन के लिए ही क्यों न हो, पर अविलम्ब होना चाहिए ।

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