vijay shankar
पटना : जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने आज कहा है कि परिवार की जमींदारी बचाने के लिए कांग्रेस कितने निचले स्तर तक गिर सकती है आपातकाल उसका जीवंत उदहारण है। तकरीबन 21 महीने चले इस भयावह दौर में देश ने खौफनाक पुलिसिया दमन का दौर देखा। विपक्षी नेताओं समेत हजारों लोगों को जेल में ठूंस दिया गया। जबरन नसबंदीयां करवाई गयी। प्रेस और बोलने की आजादी का खुलेआम हनन किया गया। यहां तक कि बाबा साहब ने संविधान की जिस प्रस्तावना को उसकी आत्मा बताया था, उसे भी बदल दिया गया। मुगलों-अंग्रेजों के राज की तरह भयावह उस दौर को याद कर आज भी लोगों की रूह कांप जाती है।
उन्होंने कहा कि जिस कांग्रेस ने हर कदम पर लोकतंत्र को लहूलुहान किया और संवैधानिक मूल्यों को तार-तार किया आज उनके नेताओं का उसी संविधान को खतरे में बताना हास्यास्पद है। उन्हें बताना चाहिए कि जवाहर लाल नेहरू ने 16 बार, नानी इंदिरा गांधी ने 31 बार और पिता राजीव गांधी 11 बार संविधान बदल कर उसकी कैसी रक्षा कर रहे थे। हकीकत में कांग्रेस के निगाह में न तो देश का सम्मान है और न ही संविधान का। सत्ता पाने के लिए यह लोग किसी भी हद को पार सकते हैं।
राजद पर तंज कसते हुए जदयू प्रवक्ता ने कहा कि सत्ता के लालच में राजद के नेता यह भूल गये हैं कि खुद लालू यादव भी आपातकाल के शिकार हुए थे और वहीं से उन्हें राजनीतिक पहचान मिली थी। जिस कांग्रेस ने उन्हें जेल में ठूंसा था आज वह उसी की गोदी में बैठ कर अपनी राजनीतिक दुकान चला रहे हैं। इनकी मौकापरस्ती और स्वार्थ का इससे उम्दा उदहारण और कुछ नहीं हो सकता। अपने फायदे के लिए यह लोग किसी से हाथ मिला सकते हैं।