सुभाष निगम
नयी दिल्ली । दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज संसद से पास बिल की कॉपी को फाड़कर एक बार फिर संविधान की मर्यादा तार-तार कर दी है । आम आदमी पार्टी के संयोजक केजरीवाल ने अपने राजनीतिक फायदे के लिए एक बार फिर घटिया हथकंडा अपनाया है । केजरीवाल के साथ दो अन्य विधायकों ने भी कृषि बिल की कापी फदी और नारेबाजी भी की । 17 दिसंबर को दिल्ली विधानसभा के एकदिवसीय विशेष सत्र के दौरान अरविंद केजरीवाल ने सदन में केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए तीन कृषि कानूनों की प्रतियां फाड़ दी और संविधान विरोधी कार्य सदन में किया ।
दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने इससे पहले भी अपनी अराजकता का परिचय दिया है। इन्हें देश की संप्रभुता और स्वाभिमान से कोई मतलब नहीं, इसीलिए ये हर मौके पर अराजक तत्वों के साथ खड़े नजर आते हैं। चाहे दिल्ली में सीएए के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हो या जेएनयू में देश विरोधी गतिविधियां हो या खुद के द्वारा संविधान और लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाने का मामला हो । केजरीवाल ने संविधान की मर्यादा तार-तार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है ।
दिल्ली का मुख्यमंत्री होते हुए भी 21 जनवरी, 2014 को अरविंद केजरीवाल ने अराजक’ बयान दिया था जिससे उनके पूरे व्यक्तित्व को वह बयान उजागर करता\ है। दरअसल 2013 में जब वे पहली बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने थे तब लोगों को उनसे बदलाव की राजनीति की एक नई शैली की उम्मीद थी। लेकिन दिल्ली के लोगों ने उनकी टकराव, जिद, धमकी और मनमानी वाली राजनीति ही देखी है। शुचिता और ईमानदारी की बात करते-करते ‘अराजक’ केजरीवाल भ्रष्टाचार, झूठ, फरेब और भाई भतीजावाद की राजनीति को प्रश्रय देने वाले राजनेता का उदाहरण बन गए। उनकी वादाखिलाफी, अहंकार और अक्खड़पन ने न सिर्फ दिल्ली की जनता के सपनों को तोड़ा है, बल्कि उस भरोसे को भी तोड़कर रख दिया जिस बुनियाद पर लोग व्यवस्था परिवर्तन की उम्मीद करते हैं।
अरविंद केजरीवाल और पार्टी के अन्य नेताओं ने सैकड़ों समर्थकों के साथ 20 जनवरी, 2014 को दक्षिण दिल्ली में एक कथित ड्रग और वेश्यावृत्ति रैकेट पर छापा मारने से इनकार करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए रेल भवन के बाहर धरना दिया था । पुलिस ने उनके खिलाफ दायर चार्जशीट में दावा किया कि 19 जनवरी, 2014 को सहायक पुलिस आयुक्त ने रेल भवन और संसद मार्ग के पास नॉर्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक, विजय चौक इलाकों में निषेधाज्ञा लागू की थी, जिसके खिलाफ जाकर उन्होंने यह विरोध प्रदर्शन किया। उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र में निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए अपने 6 मंत्रियों के साथ केजरीवाल ने अपना विरोध जताने के लिए नॉर्थ ब्लॉक स्थित गृह मंत्रालय की तरफ जाने की कोशिश की थी ।

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