सुबोध,
किशनगंज 05 जुलाई। महानंदा नदी में विलीन हुयी आशियांने,400 परिवार सड़क किनारे ली शरण। किशनगंज प्रखंड ग्राम पंचायत दौला में वार्ड नंबर चौदह में एससी/एसटी के 400 परिवार का घर कभी हुआ करता था। लेकिन वर्ष 2015 में महानंदा नदी के कटान में इन परिवारों घर विलीन हुआ था। उसके बाद से ही दौला पंचायत के मुख्यमार्ग के दोनों किनारे सभी बीपीएल परिवारों का अस्थाई कच्ची झोपरी नुमा घर में गुजर- बसर हो रहे हैं। इसी साल राज्य में महागठबंधन की सरकार भी बनी थी और सुबे के विकाश पुरूष नीतीश कुमार सरकार के मुखिया बने थे । जिले की यह घटना सभी अखबारों की तत्कालिन खबर बनी थी और जिला प्रशासन भी हरकत में आयी थी और प्रशासन की सक्रियता से पीड़ित परिवारों को लगने लगा कि जल्द ही प्राकृतिक मार से निकालने में जिला प्रशासन लगे है।लेकिन सभी जांच कागजी कार्यवाही तक ही बनी रह गयी और आज तक उक्त सड़क किनारे ही उक्त एसटी/एससी परिवार की जिन्दगी गुजर रही है।
क्षेत्रीय मुखिया प्रतिनिधि अखलाक हुसैन बताते है कि वर्ष 2011 में जब मैं इस क्षेत्र का तत्कालिन मुखिया था तब वार्ड नंबर चौदह में इन सभी परिवार को सरकार की योजना से इन्दिरा आवास बनी थी। लेकिन दुर्भाग्य कहें वर्ष 2015 में महानंदा नदी की कटाव से उक्त सभी परिवार के आशियांने नदी मे विलीन हो गया था और तब से लेकर आज तक शाशन- प्रशासन को इन पीडितों की आवाज पहुंचाई गयी । लेकिन संबंधित विभाग से सिर्फ आश्वाशन के अलावे कुछ नही मिला।संबंधित विभाग कागजी प्रक्रिया में ही आज तक उलझा हुआ है।
क्षेत्रीय मुखिया प्रतिनिधि अखलाक हुसैन ने कहा बीते दिनों इन गरीब पीड़ित चार परिवारों की दुर्दशा और दाने -दाने को मुहताज होने की बात विधान पार्षद सह उप मुख्य सचेतक सत्तारूढ़ दल के डाॅ. दिलीप जायसवाल को शिकायत पहुचाई तो उन्होंने तत्काल राशन पैकेट भिजवाए और पीड़ितों में वितरण किया गया है।वही विधान पार्षद डाॅ. जायसवाल ने आश्वाशन दिया है कि पीड़ितों की समस्याओं को आगे तक पहुचाई जाएगी।
