सुबोध,
किशनगंज 13 अक्टूबर।बिहार के किशनगंज में आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए जनतादल युनाइटेड के नेताओं ने झोंकी ताकत ।इस निमित जिला मुख्यालय टाऊन हॉल के समक्ष गुरूवार को पार्टी नेताओं के द्वारा जिलाध्यक्ष सह पूर्व विधायक नौसाद आलम की अध्यक्षता में एक दिवसीय धरना का आयोजित हुयी।इस धरना में केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पार्टी नेताओं के निशाने पर रहा।धरना को संबोधित कर पार्टी में कोचाधामन विधानसभा के पूर्व विधायक सह प्रदेश उपाध्यायक्ष एवं आगामी लोकसभा चुनाव में यहा से लोकसभा के संभावित प्रत्याशी मास्टर मुजाहिद आलम ने केन्द्र की सरकार को आरक्षण विरोधी बताया और कहा कि आज हमारे नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुबे में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण देकर महिलाओं को हर क्षेत्र में मजबुती प्रदान किया है मगर भाजपा की सरकार हमारी पार्टी को सुबे में कमजोर बनाने के शिवा कुछ नही किया है। जिसके कारण ही एनडीए में रहकर हमारी पार्टी जदयू को पिछले विधान चुनाव 2020 में विधायकों संख्या कम हुयी और भाजपा के विधायको की संख्या में बढ़ोतरी हो गयी।
श्री आलम ने कहा कि उसी चुनाव में भाजपा की साजिश के जिले के दो विधानसभा कोचाधामन से मुक्षे एवं ठाकुरगंज से मेरे भाई नौसाद आलम को चुनाव में हार हुयी। लेकिन चुनाव में हमलोग हार भी अपने क्षेत्र की जनता के बीच बने हुए हैं और उनकी हरेक समस्याओं के साथ खड़े रहते है ।उन्होंंने कहा कि आज यहा कि जनता सब कुछ समक्ष चुकी है और सजग भी हो चुकी है। इसी कारण हमारे नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा की साजिश को समक्षने में देर नही किया और 9अगस्त 2022 को ऐतिहासिक फैसला किया और महागठबंधन के साथ होकर अपनी पार्टी को बचाने का काम किया है। आज राज्य की जनता ही नही पुरे देश में हमारे नेता नीतीश कुमार को आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में नरेन्द्र मोदी के विकल्प के रूप में देख रहें है और हमारे नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केन्द्र सरकार के सभी विपक्षी पार्टी को एक जुट करने के प्रयास में जुट चुके हैं।
धरना में शामिल प्रमुख पार्टी नेताओं में वरिष्ठ नेता प्रो. बुलंद अख्तर हासमी,प्रल्हाद सरकार,व्यवसायिक प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष मनोज जैन ,पूर्व जिलाध्यक्ष फिरोज अंजूम ,जिला महासचिव डॉ. नजीरूल इस्लाम, कमाल अंजुम एवं अन्य सभी प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष सहित पार्टी नेता एवं कार्यकर्ता बड़ी संख्या में धरना को संबोधित किया और सभी नेताओं के निशाने पर केन्द्र की मोदी सरकार रहा।

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