*पीरियड फ्रेंडली वर्ल्ड” थीम पर मनाया गया विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस

सुबोध,

किशनगंज 28 मई (आससे)।माहवारी स्वच्छता से ही कल का भविष्य स्वस्थ और सुरक्षित हो सकता है। जिलाधिकारी तुषार सिंगला ने आयोजित एक जागरूकता रैली सह सेमिनार में कहीं। अंतरराष्ट्रीय माहवारी स्वच्छता दिवस पर जिला प्रशाशन एवं स्वास्थ्य विभाग के तत्वाधान में बालिका उच्च विद्यालय किशनगंज में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
जिलाधिकारी तुषार सिंगला ने उक्त कार्यकम के बारे में बताया की मासिक धर्म संबंधी स्वच्छता उत्पादों तक पहुंच प्रदान करने वाली पहलों का समर्थन करें, विशेष रूप से वंचित समुदायों में।जिन लड़कियों को मासिक धर्म स्वच्छता शिक्षा और उत्पादों तक पहुंच प्राप्त है, उनकी शिक्षा जारी रखने और समाज में पूर्ण रूप से भाग लेने की संभावना अधिक होती है।वही उचित मासिक धर्म स्वच्छता संयुक्त राष्ट्र के कई सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अभिन्न अंग है:साथ ही इस वर्ष, देश के सतत विकास लक्ष्य में संसाधन मासिक धर्म स्वास्थ्य के बारे में बातचीत को शिक्षित करने, सशक्त बनाने और बदलने के लिए अग्रणी है। जिसमे लक्ष्य 3: सभी आयुवर्ग के लोगों के लिए स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करना तथा कल्याण को बढ़ावा देना।लक्ष्य 4: समावेशी एवं समतापूर्ण गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना तथा सभी के लिए आजीवन सीखने के अवसरों को बढ़ावा देना।लक्ष्य 5: लैंगिक समानता प्राप्त करना तथा सभी महिलाओं और लड़कियों को सशक्त बनाना शामिल है।मासिक धर्म के बारे में खुली बातचीत वर्जनाओं को चुनौती देती है और लैंगिक समानता को बढ़ावा देती है।
वही कार्यक्रम छात्राओं को संबोधित करते हुए ज़िला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया की दुनिया भर में महिलाओं और किशोरियों के स्वास्थ्य, कल्याण और सशक्तीकरण के लिए अच्छी मासिक धर्म स्वच्छता महत्वपूर्ण है। यह महिलाओं और किशोरियों को उनकी पूरी क्षमता तक पहुंचने में सक्षम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैI मासिक धर्म स्वास्थ्य मानव अधिकारों, सम्मान और सार्वजनिक स्वास्थ्य का एक मूलभूत पहलू है। मासिक धर्म स्वच्छता दिवस, जो हर साल 28 मई को मनाया जाता है, वर्जनाओं को तोड़ने और अच्छे मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित है।
इस अवसर पर बालिका उच्च विद्यालय किशनगंज में आयोजित कार्यक्रम में पोस्टर प्रतियोगिता, रैली और सेमिनार शामिल था। डीडीए सुमन कुमार सिन्हा ने बताया कि सामान्य प्राकृतिक प्रक्रिया पर किसी भी तरह का अंधविश्वास अथवा झिझक रखने की जरूरत नहीं है. उन्होंने इस विषय पर खुल कर बात करने पर बल दिया. इस दौरान कार्यक्रम का संचालन कर रहे पीरामल फाउंडेशन के निशांत कुमार ने बताया कि माहवारी के दौरान स्वच्छ्ता नहीं रखने से कई तरह की बीमारी और समस्या होने की आशंका बनी रहती है. दुनिया भर में प्रत्येक वर्ष आज ही के दिन मासिक धर्म के दौरान स्वच्छ्ता के महत्व को लोगों तक पहुंचाने के लिए ही अंतरराष्ट्रीय माहवारी स्वच्छ्ता दिवस मनाया जाता है | इसके लिए जिले भर के सभी स्वास्थ्य संस्थानों एवं विधालयो में कार्यक्रम का आयोजन किया गया |
सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया की मासिक धर्म स्वास्थ्य व स्वच्छता महिलाओं व किशोरियों के सेहतमंद जिंदगी व महिला सशक्तीकरण के महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है। बावजूद इसके अभी भी माहवारी से जुड़े सुरक्षात्मक उत्पाद व स्वच्छता प्रबंधन तक महिला व किशोरियों की पहुंच बेहद सीमित है। शिक्षा की कमी, पारंपरिक सोच व गलत धारणाओं के साथ-साथ स्वच्छता संबंधी बुनियादी इंतजामों का अभाव आज महिला व किशोरियों के शिक्षा, सेहत व सामाजिक स्थिति को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है। मासिक धर्म के प्रति चुप्पी तोड़ने, इसके प्रति जागरूकता बढ़ाने व नकारात्मक सामाजिक मानदंडों में बदलाव के उद्देश्य से हर साल 28 मई को माहवारी स्वच्छता दिवस के रूप में मनाया जाता है ।विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस, जिसे मासिक धर्म स्वच्छता दिवस के रूप में भी जाना जाता है, इस दिन का उद्देश्य पूरे विश्व में जागरूकता बढ़ाना तथा मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधनकी उचित प्रथाओं को बढ़ावा देना है।मासिक धर्म स्वच्छता दिवस पाँचवें महीने के 28वें दिन मनाया जाता है।यह मासिक धर्म चक्र की औसत अवधि का प्रतिनिधित्व करता है जो प्राय: लगभग 28 दिनों का होता है।यह मासिक धर्म की औसत अवधि का प्रतीक है जो हर महीने लगभग पाँच दिनों तक रहता साथ मिलकर हम चुप्पी तोड़ सकते हैं, कलंक को खत्म कर सकते हैं और सभी के लिए मासिक धर्म स्वास्थ्य सुनिश्चित कर सकते हैं।

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